• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

Test Blog

My Blog

  • News
    • World
    • Contact Us/Press Release
  • SC-ST-OBC
  • Women
  • Viral Reports
  • Legends

scheduled tribe

सीएम हेमन्त सोरेन का जनपक्ष में 5 संकल्प 

September 27, 2022 by najhma Leave a Comment

समस्याओं के हल निकले से सभी वर्ग में खुशी है. जनता सीएम का आभार जाता रहे हैं. आभार स्वीकार करते हुए सीएम हेमन्त जन पक्ष में हमेशा पाँच संकल्प दोहरा रहे हैं.

झारखण्ड : झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा सिर से राज्य व जनता सभी समस्याओं का स्थाई हल निकाला जा रहा है. चुनावों के दौरान जनता से किए वादे को एक-एक कर निभाते देखे जा रहे हैं. झारखण्ड की संघर्षशील जनता के समस्याओं के हल निकले के कारण सभी वर्ग व समुदायों में खुशी है. विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सभी मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री सभी मंचों से न केवल राज्य की जनता का आभार सहर्ष स्वीकार कर रहें हैं. कमोवेश हर मंच से जन पक्ष में मुख्यतः पाँच संकल्प मजबूती दोहराते देखे जा रहे हैं. मुख्यमंत्री लगातार राज्य की जनता को एक जुट होने का आह्वान कर रहें हैं और राज्य के विकास में भागीदार बनने का अपील कर रहे हैं. और हर वर्ग एक स्वर में हामी भी भरते देखे जा रहे हैं. 

संकल्प न. 1 – राज्य वासियों का सुनिश्चित होगा सामाजिक संकल्प 

देश भर में कमर तोड़ती महंगाई के बीच हेमन्त सरकार द्वारा सबसे पहले अपनी गरीब जनता की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई. ज्ञात हो, सर्वजन पेंशन योजना के तहत राज्य के लाखों गरीब, जरुरतमन्द, बुजुर्ग, विधवा, एकल, परित्यक्त महिला, दिव्यानग को पेंशन मुहैया कराई गई है. इसके उपरांत सीएम द्वारा राज्य के सरकारी कर्मियों के भविष्य को संरक्षित किया गया. सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू की गई. 

इस संदरदर्भ में सीएम द्वारा कहा गया कि सरकारी कर्मियों का राज्य के विकास में अहम योगदान होता है. और रिटायरमेंट के बाद इन कर्मियों का पेंशन ही सबसे बड़ा सहारा होता है. यह उनके बुढ़ापे की लाठी होती है. जिससे वह मान-सम्मान के साथ अपना बुढ़ापा व्यतीत करते हैं. ऐसे में यदि उनका भविष्य ही सुरक्षित ना हो तो वह कैसी राज्य विकास में शत-प्रशीत योगदान दे सकता है. मसलन, राजकोष पर तमाम आर्थिक बोझों के बीच भी पुरानी पेंशन लागू की गई है. 

संकल्प न. 2 – राज्य के संसाधन पर स्थानीयों का पहला हक 

झारखण्ड के प्रति सीएम का मानना है कि राज्य न तो गरीब है और ना ही राज्य में संसाधनों की कोई कमी है. यहां के संसाधनों से दूसरे राज्यों की आर्थिक स्थति मजबूत होने के कई प्रमाण सामने हैं. हमारे राज्य के लोग मेहनतकश है. लेकिन पूर्व के सत्ताओं द्वारा मकड़जाल में फंसा कर राज्य को गरीब बना दिया गया है. राज्य की जनता को उनका हक और अधिकार मिलन चाहिए. और हमारी सरकार इस मुद्दे पर काफी गंभीर है. 

राज्य के संसाधनों पर आदिवासियों और मूल वासियों का पहला हक है. और हमारी सरकार उन्हें यह देने का सिलसिला शुरू कर चुकी है. और झारखण्ड के विकसित होने तक यह कवायद जारी रहेगा. ज्ञात हो, इसी कड़ी में हेमन्त सरकार द्वारा स्थानीयों के लिए निजी नियुक्तियों में 75% आरक्षण सुनिश्चित किया गया है. और अब 1932 वर्ष काल आधारित स्थानीयता व नियोजन नीति पिछड़ों के लिए 27 % आरक्षण सुनिश्चित करने की दिशा में मजबूती से बढ़ चली है.  

संकल्प न. 3 – हेमन्त सरकार सबकी सुनेगी सबकी करेगी 

मुख्यमंत्री द्वारा कई मंचों लगातार कहा गया है कि उनकी संवेदनाएं राज्य के हर वर्ग और हर तबके के प्रति समान हैं. वह राज्य के हर वर्ग के चहरे पर मुस्कान लाना चाहते हैं. सीएम का स्पष्ट कहना है कि उनकी सरकार सभी की सुनेगी और सभी की करेगी. इस संकल्प के साथ उनकी सरकार सभी के कल्याण और विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है. 

ज्ञात हो, राज्य में हेमन्त सरकार द्वारा शुरू ही योजनाओं की सराहना देश के साथ विदेशों में भी हो रही है. अन्य देश भी राज्य सरकार की योजनाओं में सहयोग करने हेतु स्वयं आगे आए हैं. निश्चित रूप से इसका लाभ राज्य वासियों को मिल रहा है और आगे भी मिलेगा. और इस दिशा में और तेजी से साथ कार्य करने हेतु सीएम द्वारा जनता से सहयोग की अपील की गई है. 

संकल्प न. 4 – झारखण्ड विकास में निर्धारित है लक्ष्य – नहीं रुकेंगे 

ज्ञात हो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड ने सौर्य ऊर्जा, खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, उद्योगिकीकरण, इतिहास, आदिवासी, दलित, पिछड़ा कल्याण व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती की दिशा में नए सिरे से सधे कदम बढ़ाया है. सरकार को लगभग हर दिशा में सफलता भी मिल रही है. राज्य को कई उपलब्धियां भी हासिल हुई है. जो राज्यवासियों को गौरवावित करने वाली रही है. 

इस संदर्भ में सीएम सोरेन का कहना है कि राज्य के विकास के लिए उनकी सरकार द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उनके राह में अब चाहे कितने भी रोड़े आए, वह न भटकेंगे और ना ही रुकेंगे-थकेंगे. वह हर हाल में आगे बढ़ेंगे और राज्य को एक विकसित राज्य बनाएंगे. इस कड़ी में हम राज्य वासियों को पूरे मान सम्मान के साथ हक और अधिकार दिया जा रहा हैं. 

संकल्प न. 5 – सड़कों पर अब और आंदोलन नहीं – शांति से समस्याओं का होगा समाधान

ज्ञात हो, पूर्व की भाजपा सत्ता काल में लगभग राज्य का हर वर्ग सड़कों पर आंदोलन करने को विवश रहा. और इस क्रम में झारखंड के बेटे ही नहीं बेटियों ने भी अपनी पीठ पर लाठियाँ खाई है. लेकिन न ही उनकी समस्याओं का समाधान हुआ और ना ही उनकी मांगें पूरी हुई. राज्य में हर तरफ अशान्ति का वातावरण रहा. लेकिन हेमन्त शासन में स्थिति बदली है, जनता को उनके हक अधिकार मिले हैं जिससे राज्य शांति से अपने विकास हेतु सोच पा रहा है. 

इस संदर्भ में सीएम हेमन्त का कहना है कि सरकार को सेवा दे रहे किसी भी कर्मी को अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर नहीं उतरना पड़ेगा. जिस प्रकार हमारी सरकार ने अधिकांश कर्मियों की जायज मांगों को संवेदना के साथ पूरा किया है आगे भी करती रहेगी. जिससे अब किसी भी वर्गीय समस्या के मद्देनजर जनता को सड़कों पर आंदोलन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. शेष यथोचित समस्याओं का निराकरण करने की दिशा में भी सरकार बढ़ चली है.

Filed Under: Viral Report Tagged With: cm hemant soren, hemant government, hemant soren, jharkhand government, Jharkhand News, OBC, scheduled cast, scheduled tribe

झारखण्ड : सीएम की प्राथमिकता में बुजुर्ग, बुद्धिजीवी व छात्र भी

September 22, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : सीएम बुजुर्ग, ग्राम प्रधान व बुद्धिजीवी के अनुभव को राज्य विकास में सदुपयोग करने का किया ऐलान. साथ ही भूत महल बन चुके छात्रवासों को बना रहे हैं छात्रों के रहने लायक. कई नई सुविधाएं भी कराई जा रही है मुहैया.

रांची : झारखण्ड के विकास व मजबूती हेतु सीएम की प्राथमिकता में बुजुर्ग, बुद्धिजीवी, छात्र समेत सभी उम्र के लोग हैं. एक तरफ वह अनाथ बच्चों तक की सूद लेते हैं तो दूसरी तरफ ग्राम प्रधान, छात्र, युवा, कर्मचारी, किसान व मजदूर, लगभग सभी उम्र-वर्ग के लोगों की सस्याओं को प्राथमिकता के साथ संज्ञान लेते दिखते हैं. इस कड़ी में सीएम द्वारा राज्य के ग्राम प्रधानों को कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया गया. जो निश्चित रूप से भारतीय सामाजिक संरचना को मजबूती देती है. 

सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा ग्राम प्रधानों का सम्मान

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा ग्राम प्रधानों का कार्यक्रम आयोजित कर सम्मान किया जाना दर्शाता है कि सीएम समाज निर्माण में बुजुर्गों व बुद्धिजीवों की महत्ता व भूमिका को समझते है. ज्ञात हो, पूर्व की सत्ता में बुजुर्गों व बुद्धिजीवी की महत्ता को लगभग समाप्त कर गई थी. उन्हें अपने मुख सील लेने पर विवश किया गया था. 

सीएम हेमन्त का मानना है कि राज्यवासियों के कल्याण में उतारी गई सरकार की योजनाएं व नीतियों की जानकारी अक्सर ग्रामीणों को नहीं हो पाती. ऐसे में ग्राम प्रधान समेत अन्य बुद्धिजीवी वर्ग यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. क्योंकि भारत में बुजुर्ग वर्ग अपने अनुभव से समाज को बेहतर दिशा देते आए हैं. यह परंपरा सदियों से चली या रही है.   

ग्राम प्रधानों का सम्मेलन आयोजित कर सरकार की नीतियों व योजनाओं की जानकारी देने का निर्देश 

झारखण्ड में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा राज्य के बुद्धिजीवियों के अनुभव का समाज व राज्य निर्माण में सदुपयोग करने की दिशा में बड़ा काम उठाया गया है. उनके द्वारा राज्य के संबंधित अधिकारियों व पदाधिकारियों को ग्राम प्रधानों का सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. सम्मेलन में ग्राम प्रधानों को सरकार की योजनाएं व नीतियों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी.

जिससे बुद्धिजीवी वर्ग गांव-गांव में जाकर डुगडुगी अथवा अन्य पारंपरिक माध्यमों से ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं व नीतियों से अवगत कराएंगे और लाभ दिलाना सुनिश्चित करेंगे. ज्ञात हो, साहिबगंज जिले के पतना प्रखंड स्थित धरमपुर मैदान में ग्राम प्रधान सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं इस तथ्य को उजागर किया गया. 

झारखण्ड को शिक्षित करने हेतु दिया जा रहा है खंडहर हो चुके छात्रावासों को पुनर्जीवन

झारखण्ड के मुख्यमंत्री के शब्द – ‘अब खंडहर में नहीं, सुसज्जित छात्रावासों में रहेंगे वंचित वर्ग के छात्र’. स्वयं ही झारखण्ड में शिक्षा व्यवस्था में हो रहे सुधारों के प्रयासों की ऐतिहासिक तस्वीर पेश करती है. ज्ञात हो, मानुवादी सत्ताओं के मंशा के तहत राज्य गठन के बाद से अपने जीर्णोद्धार का बाट जोह रहे अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अलपसंख्यक छात्रावासों को हेमन्त शासन में फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है.

टूटे-फूटे फर्श, बरसात में टपकती छत, छित-विछित खिड़की-दरवाजे, सीलन भरी दीवार, कुल मिला कर जो छात्रावास छात्रों का नहीं बल्कि भूत का रहने वाला महल हो चुका था. ऐसे में कैसे इन वर्गों के छात्र यहाँ रह कर पढ़ाई कर सकते थे. मसलन, हेमन्त सरकार में एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों के छात्रों की शिक्षा-दीक्षा को सुलभ बनाने हेतु इन छात्रावासों में शौचालय, लाइब्रेरी, पानी और बिजली की व्यवस्था किए जाने से मंजर बदल गया है. जिससे इन वर्गों में शिक्षा को लेकर लगाव बढ़ रहा है. 

झारखण्ड में छात्रावासों की वर्तमान स्थिति 

हेमन्त सरकार में अबतक 593 छात्रावासों में से 234 छात्रावासों को नया स्वरूप दिया जा चुका है. इनमें अनुसूचित जनजाति के 42, अनुसूचित जाति के 96, पिछड़ा वर्ग के 47 और अल्पसंखयक की 92 छात्रावास शामिल हैं. 221 छात्रावासों का जीर्णोद्धार कार्य दो वर्ष में पूर्ण करना है. वित्तिय वर्ष 2022 -23 में 139 एवं 2023-24 में शेष 82 छात्रावासों का जीर्णोद्धार कार्य प्रस्तावित है.  

छात्रावासों में अब होगी अनाज, रसोईया और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था

मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री चंपाई सोरेन के निर्देश के बाद कल्याण विभाग के छात्रावासों के जीर्णोद्धार के साथ छात्रावासों में सुरक्षा प्रहरी एवं रसोईया की भी बहाली प्रक्रिया चल रही है. मुख्यमंत्री द्वारा रिक्त पड़े मानवबल को यथाशीघ्र भरने का आदेश दिया गया है. वर्तमान में कुल 90 सुरक्षा प्रहरी एवं रसोईया कार्यरत हैं. 

पूर्व की सरकारों की व्यवस्था के तहत इन सरकारी छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को अपने घर से अनाज लाना पड़ता था. जो इन गरीब वर्गों के छात्र के लिए बड़ी समस्या थी. इनकी शिक्षा पर स्पष्ट प्रभाव डालती थी. लेकिन अब हेमन्त सरकार में इन छात्रावासों में छात्रों के लिए अनाज मुहैया कराने का निर्णय लेने के तरफ सरकार बढ़ चली है. जो निश्चित रूप से इन वर्गों के गरीब छात्रों के लिए कल्याणकारी कदम है. और संविधान के मौलिक मर्म को भी छूता है.

Filed Under: Jharkhand News Tagged With: grampradhan, hemant government, hemant soren, hostel, jharkhand government, OBC, scheduled cast, scheduled tribe

झारखण्ड : SC, ST, OBC, अल्पसंख्यक एवं कल्याण विभाग की समीक्षा  

September 20, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : SC, ST, OBC, एवं कल्याण विभाग की समीक्षा. 1 लाख लोन में गारंटी की जरूरत नहीं. प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि में बढ़ोतरी. आधार लिंक की अनिवार्यता समाप्त

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृव में पहली बार राज्य में SC, ST, OBC व अल्पसंख्यक वर्ग के विकास में गंभीरता से कार्य हो रहे हैं. इस कड़ी में 19 सितंबर 2022 को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग एवं कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए. 

सीएम सोरेन द्वारा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इन वर्गों के लाभुकों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुलभता से मिले. इन वर्गों के लिए कागजी प्रक्रिया को आसान बनाया जाए. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना समेत अन्य योजनाओं में अगर गारंटर की जरूरत होती है, तो वैसे लोगों को गारंटर बनाएं जो उनके पहचान के हो.  

1 लाख तक के लोन में गारंटी की बाध्यता समाप्त  

मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया कि sc-st-obc वर्गों के विकास के मद्देनजर मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना सरकार की एक महत्वकांक्षी योजनाओं है. इस योजना का मूल उदेश्य है कि इन वर्गों के लोगों को आसानी से लोन मिले. इस पर सरकार का विशेष ध्यान भी है. मुख्यमंत्री द्वारा बैठक में घोषणा किया गया कि अब एक लाख रुपए तक के लोन में इन वर्गों के लाभुकों को कोई गारंटी नहीं देनी होगी. 

राज्य में SC, ST, OBC वर्ग के लिए बनी  छात्रावासों की वर्तमान स्थिति 

राज्य में कुल 593 छात्रावास हैं. इनमें 234 छात्रावासों का जीर्णोद्धार कार्य पूरा हो चुका है. 138 छात्रावासों में जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है. 221 छात्रावासों में जीर्णोद्धार कार्य शुरू होना शेष है. इस वर्ष 139 छात्रावासों का जीर्णोद्धार शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें  82 छात्रावासों का जीर्णोद्धार डीएमएफटी से किया जाएगा.

कल्याण विभाग समीक्षा -छात्रवृत्ति राशि में बढ़ोतरी व आधार लिंक की अनिवार्यता समाप्त 

प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि को बढ़कर क्रमशः 15 सौ रुपए, 2500 रुपए और 4000 रुपये कर दी गई है. इस वर्ष नवंबर के अंत तक छात्रवृत्ति की राशि का वितरण करने का निर्देश दिया गया है. छात्रवृत्ति के लिए बच्चे का बैंक में बचत खाता और आधार से लिंक होने की अनिवार्यता समाप्त कर कर दी गई है.

बच्चों के बैंक खाता नहीं होने की स्थिति में बच्चे के अभिभावक के बैंक खाते में छात्रवृत्ति की राशि भेजी जाएगी. इसके लिए बच्चे के नामांकन के दौरान ही उसके अभिभावक का बैंक अकाउंट की पूर्ण विवरणी प्राप्त करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया है.

अनुसूचित जनजाति -जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा एवं कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में दिए गए महत्वपूर्ण निर्देश 

  • प्रमंडल स्तर पर एक बड़ा और सुसज्जित छात्रावास निर्माण का कंप्रिहेंसिव प्लान तैयार करें. इसके लिए न्यूनतम 5 एकड़ जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया गया.
  • मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत आवेदन करने वाले लाभुकों की अधिकतम उम्र सीमा को बढ़ाकर 50 वर्ष कर दिया गया है. साथ ही इस वित्त वर्ष में इस योजना का बजट एक सौ करोड़ रुपए कर दिया गया है.
  • राज्य के विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल बनाने का निर्देश दिया गया. इस पोर्टल पर विद्यार्थियों के शिक्षा से जुड़ी तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही इसी पोर्टल में विद्यार्थियों के शिकायतों का ऑनलाइन निपटारे की व्यवस्था होगी.
  • मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत अब जिला स्तर पर 25000 रुपए तक की सहायता राशि स्वीकृत करने की शक्ति प्रदान की गई है. पहले यह सीमा मात्र 10 हज़ार रुपये थी.
  • अनाथ बच्चों को गोद लेने वाले परिवारों को अनाथ बच्चों की योजनाओं के साथ टैग करने का निर्देश दिया गया. यह अनाथ बच्चों को सोसाइटी प्रदान कराने हेतु किया गया है. इस योजना को पूरी संवेदनशीलता से लागू करने का निर्देश दिया गया.

Filed Under: SC-ST-OBC Tagged With: hemant government, jharkhand government, Jharkhand News, kalyan vibhag, minority, OBC, samiksha baithak, scheduled cast, scheduled tribe

झारखण्ड : एक भी मूलवासी स्थानीयता के अधिकार से नहीं होंगे वंचित

September 19, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : स्थानीयता के अधिकार को परिभाषित करने हेतु विधेयक को स्वीकृति मिली. एक भी आदिवासी-मूलवासी व विस्थापित स्थानीयता के अधिकार से न हो वंचित – सीएम का विशेष जोर.

रांची : दिनांक: 14 सितम्बर, 2022 को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के के अध्यक्षता में आदिवासी-मूलवासी व विस्थापितों के हक-अधिकार के हित में ऐतिहासिक फैसला लिया गया. झारखण्ड सरकार मंत्रिमंडल द्वारा राज्य के निवासियों के लिए स्थानीयता के अधिकार परिभाषित करने वाली प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिली.

स्थानीयता के अधिकार को परिभाषित करने वाली स्वीकृति प्रस्ताव में मुख्य आधार

  • खण्ड 1 – झारखण्ड राज्य की भौगोलिक सीमा में निवास करता हो एवं स्वयं अथवा उसके पूर्वज का नाम 1932 अथवा उसके पूर्व सर्वे खतियान में दर्ज हो.
  • खण्ड 2 – भूमिहीन के मामले में उसकी पहचान संबंधित ग्राम सभा द्वारा की जाएगी, जो झारखण्ड में प्रचलित भाषा, रहन-सहन वेश-भूषा संस्कृति एवं परम्परा इत्यादि पर आधारित होगी.

झारखण्ड में निवास करता हो एवं पूर्वज का नाम 1932 या पूर्व सर्वे खतियान में दर्ज हो

खण्ड-1 में वर्णित स्थानीयता का आधार के अनुसार स्थानीयता का अधिकारी होने के लिए पहली जरूरी शर्त है कि वह झारखण्ड राज्य की सीमा में निवास करता हो. और उसका व उसके पूर्वज का नाम 1932 अथवा उसके पूर्व सर्वे खतियान में दर्ज हो. मसलन, जिसके पास उपरोक्त खातियान है वह स्पष्ट रूप से वह झारखण्ड का स्थानीय निवासी होगा.

भूमिहीन के मामले में ग्राम सभा द्वारा होगी स्थानीयों की पहचान

ज्ञात हो, पूर्व की सत्ताओं के खनन लूट नीतियों के अक्स में झारखण्ड प्रदेश विस्थापितों का प्रदेश भी बन कर रहा गया है. ऐसे में खण्ड 2 के माध्यम से सरकार द्वारा राज्य के विस्थापित अथवा भूमिहीन जनता के अधिकार संरक्षण को गंभीरता से लिया गया है. खण्ड 2 के अनुसार भूमिहीन के मामले में स्थानीय की पहचान संबंधित ग्राम सभा द्वारा की जाएगी. जिसका आधार झारखण्ड में प्रचलित भाषा, रहन-सहन, वेश-भूषा, संस्कृति एवं परम्परा इत्यादि पर आधारित होगी.


मसलन, पहला खण्ड जहां राज्य के खातियान धारियों को सम्मान करता है तो वहीं दूसरा खण्ड राज्य में जमीन लूट के अक्स में स्थानीयों को राज्य से बेदखल करनी वाली मनुवादी मंशा पर जबरदस्त चोट करता है. और राज्य के विस्थापित मूलवासी को स्थानीय होने के अधिकार से सम्मानित करता है. हालांकि, दोनों खण्ड में निहित प्रावधानों को और स्पष्ट व सरलीकरण करने पर चिंतन-मंथन हो रहा है.

Filed Under: Jharkhand News Tagged With: 1932 khatiyan, hemant government, hemant soren, OBC, scheduled cast, scheduled tribe, sthaniyaniti, sthaniyta

हेमन्त के फैसलों से झारखण्ड वासियों के बढ़ रहे हौसले 

September 9, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : हेमन्त के फैसलों से सभी समस्याओं का स्थायी हल निकल रहा है. और राज्य की जनता पहली बार राहत महसूस कर रही है और अब उनके हौसले बुलंद हैं. 

रांची : झारखण्ड के 22 वर्षों के इतिहास में पहली बार जन पक्ष में सिलसिलेवार तौर पर मुख्यमंत्री द्वारा फैसले लिए जा रहे हैं. जिसे झारखण्ड के पूरे काल खण्ड में ऐतिहासिक रूप से स्वर्णिम काल माना जा सकता है. ज्ञात हो झारखण्ड एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा बाहुल्य राज्य है और गरीब राज्य भी है.

इस राज्य में सबसे लंबा शासन का निर्णायक काल बीजेपी की रही है. लेकिन जन अधिकार के मामले में, राज्य में हर वर्ग की समस्याएं हल होने के बजाए गहराती चली गई. लेकिन हेमन्त के फैसलों से सभी समस्याओं का स्थायी हल निकल रहा है. और राज्य की जनता पहली बार राहत महसूस कर रही है और अब उनके हौसले बुलंद हैं. साथ ही उन्हें नई राह दिखा रही है.

बीजेपी काल में गहरायी मूल समस्याओं का हेमन्त के नीतियों से निकला हल 

ज्ञात हो, बीजेपी के पूर्व की शासन कालों में बाहरियों को समर्पित नीतियों के अक्स में, एक तरफ राज्य के मूल वासियों की नियुक्ति अनुबंधकर्मी के तौर पर हुई तो दूसरी तरफ स्थायी सरकारी कर्मियों के पेंशन जैसे अधिकार को समाप्त कर उनके भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया गया. राज्य का हर वर्ग अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलनरत रहे. राज्य में सभी वर्गों के मूलवासियों का अधिकार हनन हुआ. राज्य में विस्थापन व गरीबी बढ़ी. 

लेकिन राज्य में झारखंडी जनता द्वारा चुनी गई मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन वाली सरकार में ऐसे तमाम समस्याओं का स्थायी हल सिरे से निकल रहे हैं. उदाहरण के तौर पर पार शिक्षकों की समस्याएं का स्थायी निराकरण हुआ. राज्य कर्मियों की पुरानी पेंशन की मांग पूरी हुई. jpse को नियमावली मिली. वर्षों से रिक्त पड़े पदों पर नियुक्तियाँ हो रही है. 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति के तरफ सरकार बढ़ चली है. 

आदिवासी-दलित-ओबीसी वर्ग से संबंधित समस्याओं का सीएम के फैसलों से निकल रहा हल

झारखण्ड में बीजेपी के पूर्व शासनकाल में आदिवासी-दलित-ओबीसी समुदाय के साथ घोर अन्याय हुआ. निर्दोष आदिवासियों की नक्सल के नाम पर दमन हुआ. आदिवासियों की जमीनें जबरन चहते पूँजीपतियों को लूटायी गई. ईसाई के नाम पर इनके अधिकार छीने गए. cnt-spt ऐक्ट को सजिशन खत्म करने का कुप्रयास हुआ. आदिवासियों को वनवासी कह हिन्दू पौराणिक कथाओं के शब्द असुर से फिर जोड़ा गया. इनकी सामाजिक-पारंपरिक व्यवस्थाओं को हाँसिए पर धकेला गया.  

दूसरी तरफ मूल दलित समुदाय को राजनीतिक जमीन से दूर किया गया. आरक्षित संवैधानिक सीटों पर बाहरी फर्जी प्रतिनिधियों को बिठाया गया. जिससे आरक्षित पदों की मूल भावना बे-अर्थ हुई और अनुसूचित समुदाय अपने अधिकार से बेदखल हुए. वहीं राज्य के ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कटौती हुई. जातियों से संबंधित रोजगार-धंधे खत्म हुए. सरकारी शिक्षा व्यवस्था लाचार किए जाने से इन वर्गों का भविष्य अंधकारमय हुआ. हेमन्त शासन में इनकी समायाओं का स्थायी हल निकाल इन्हें संवैधानिक अधिकार से जोड़ा जा रहा है.  

सीएम के निर्णयों से राज्य की महिला हो रही है आत्मनिर्भर 

राज्य में पहली बार हेमन्त सरकार में गंभीरता से महिलाओं को समाज में भागीदार बनाया जा रहा है. राज्य की महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा से जोड़ा गया है. महिलाओं को समर्पित कई योजनाएं चलायी जा रही है. सखी मण्डल की दीदियों को सामाजिक उत्थान में मजबूती से भागीदार बनाया गया है. महिला शिक्षा, रोजगार, न्याय, खेल से लेकर तमाम आयामों में नीतियों के माध्यम से विशेष सहूलियत दे मानुवाद के पितृ सत्ता को चुनौती हेमन्त सरकार द्वारा दी गई है. मसलन, झारखण्ड के 22 वर्ष के इतिहास में पहली बार हेमन्त के फैसलों से झारखण्ड वासियों के हौसले बढ़ते दिख रहे हैं.

Filed Under: Jharkhand News Tagged With: hemant decision, hemant government, hemant soren, jharkhand government, Jharkhand News, obc reservation, scheduled cast, scheduled tribe

झारखण्ड – छह CM के ग्राफ में Hemant soren सबसे आगे 

September 7, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा बाहुल्य राज्य के 22 वर्षों के इतिहास में 6 CM के ग्राफ में Hemant soren का कार्यकाल मूल झारखण्ड की पृष्ठभूमि में सभी से बेहतर प्रतीत होता है. 

रांची : देश के संविधान के अनुसार भारतीय राज्य झारखण्ड का वास्तविक कार्यकारी प्राधिकरण मुख्यमंत्री के पास होता है. राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री नियुक्त होता है, जिनकी मंत्रिपरिषद विधानसभा के प्रति मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है. झारखण्ड एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा बाहुल्य राज्य है और गरीब राज्य भी है. ऐसे में राज्य के विकास में इन वर्गों के प्रति किसी भी मुख्यमंत्री की नीतियां अहम होती है. और राज्य के विकास का कारक भी होता है. लेख में मुख्यतः bjp और jmm के CM के ग्राफ का आकलन होगा.

झारखण्ड का इतिहास 22 वर्षों का है. और इस कालखण्ड में प्रदेश ने चार अर्धकालिक–पूर्णकालिक मुख्यमंत्री देखा. झारखण्ड प्रदेश में सबसे लंबा शासन बीजेपी के मुख्यमंत्रियों का रहा है. और वर्तमान में राज्य झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का शासन है. हेमन्त सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री हैं. चूंकि राज्य में बीजेपी द्वारा भारी राजनीतक उथल-पुथल मचायी जा रही है. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है दोनों दलों के CM के ग्राफ उनकी नीतियों के आधार पर, विकास की कसौटी पर आकलन हो. 

झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों की सूची –

SN.CM of JharkhandFromToparty
1Babulal MarandiNov 15, 2000Mar 17, 2003BJP
2Arjun MundaMar 18, 2003Mar 2, 2005BJP
3Shibu SorenMar 2, 2005Mar 12, 2005JMM
4Arjun MundaMar 12, 2005Sep 14, 2006BJP
5Madhu kodaSep 14, 2006Aug 23, 2008IND
6Shibu SorenAug 27, 2008Jan 18, 2009JMM
–President RuleJan 19, 2009Dec 29, 2009–
7Shibu SorenDec 30, 2009May 31, 2010JMM
–President RuleJun 1, 2010Sep 11, 2010–
8Arjun MundaSep 11, 2010Jan 18, 2013BJP
–President RuleJan 18, 2013Jul 12, 2013–
9Hemant SorenJul 13, 2013Dec 23, 2014JMM
10Raghuvar DasDec 28, 2014Dec 23, 2019BJP
11Hemant SorenDec 29, 2019PresentJMM
झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों की सूची

बीजेपी दल के CM के कार्यकाल की प्रमुख नीतियाँ 

  • झारखण्ड के इतिहास में, बीजेपी काल में झारखण्ड के मूलवासी- आदिवासी वर्ग की न केवल अनदेखी हुई बाहरियों द्वारा राज्य में मूल वर्गों के अधिकारों का दोहन हुआ. 
  • आदिवासी-मूलवासी वर्ग के ज़मीनों का अधिग्रहण कर चाहते कॉर्पोरेट को खुश किया गया. 
  • राज्य में शिक्षा-व्यवस्था को चौपट किया गया, मर्जर के नाम पर स्कूलों को बंद किया गया. 
  • पलायन के दर में इजाफा हुआ. विस्थापन की समस्या गहरायी. 
  • ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कटौती हुई. 
  • JPSC के लिए नियमावली तक नहीं बनाया गया. 
  • आदिवासियों वर्ग को वनवासी कह हिन्दू बनाने का प्रयास हुआ. 
  • दलित आरक्षित सीट पर बाहरी फर्जी जन प्रतिनिधि को थोपा गया. 
  • आदिवासियों की सुरक्षा कवच cnt, spt एक्ट को साजिशन कमजोर करने का प्रयास हुआ. 
  • अनुबंध पर मूलवासियों की बहाली ली गई और उनके भविष्य को गर्त में धकेला गया. 
  • बाहरियों को समर्पित नियोजन नीति धरातल पर उतार गया. 
  • क्षेत्रीय भाषाओं की अनदेखी हुई. महापुरुषों के सपनों को कुचला गया. 
  • राज्य के सपड़ा की लूट व दोहन हुआ. 
  • राज्य की महिलायें हाड़िया-दारू बेचने को विवश हुई. 
  • मानव तस्करी जैसे कोढ़ का बीजारोपन हुआ. 
  • राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़े. 
  • राज्य में कृषि व लघु उद्योग सिरे के खत्म हुए. 
  • प्राकृतिक रूप से धनी राज्य कुपोषण की समस्या का शिकार हुआ और वातावरण असंतुलित हुआ.
  • निर्दोष आदिवासियों का नक्सल के नाम पर दमन हुआ.

मौजूदा CM के ग्राफ में JMM दल के Hemant soren की कार्यकाल की नीतियाँ 

  • झारखण्ड के इतिहास में JMM दल के मुख्यमंत्री में राज्य के आम जनता के प्रति संवेदनशीलता दिखी. 
  • बेहतर प्लानिंग से राज्य के ग्रामीण व दुर्गम इलाकों में पहुंची स्वास्थ्य सेवाएं. 
  • अल्प संसाधन के बीच बेहतर करोना महामारी प्रबंधन. 
  • राज्य में अनुसूचित जनजाति-1672 , अनुसूचित जाति-682, पिछड़ा वर्ग -1180 लाभूक, दिव्यांग-70 , अल्पसंख्यक249 समेत सभी वर्ग के लाभूकों को लोन के माध्यम से आत्म निर्भर बनाया गया.
  • ‘मुख्यमंत्री’ से जुड़ी योजनाएं सभी वर्गों के शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार को समर्पित दिखी. 
  • गंभीर बीमारियों में जनता तक पहुंची मदद, लाभूक में सरकारी कर्मी, श्रमिक व मध्यम वर्ग भी हुए शामिल. 
  • विलुप्त हो रहे जनजातीय भाषाओं को बचाने का प्रयास हुआ है. 
  • आदिवासी अस्मिता के प्रति सजग दिखी सरकार, सरना कोड लागू से लेकर परंपरा, इतिहास संरक्षण में मुख्यमंत्री स्वयं गंभीर.
  • सामाजिक सुरक्षा को लेकर सरकार दिखी गंभीर, धरातल पर कई योजनाएं उतारी गई.  
  • Safe And Responsible Migration Initiative [SRMI] का हुआ शुभारम्भ
  • वर्षों से लंबित रिक्त पदों पर युवाओं को सौंपा गया नियुक्ति पत्र. 
  • मुख्यमंत्री की नीतियों ने तोड़ा मनुवादी चक्रव्यूह महिलाओं को बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर. 
  • नक्सल क्षेत्रों के युवा को “सहाय” योजना से जोड़ नए सिरे से भविष्य सवारने का प्रयास. 
  • झारखण्ड को खेल नीति, उद्योग नीति, पर्यटन नीति व jpse नियमावली दिए गए. 
  • शिक्षा की दिशा में मजबूती से बड़ा है झारखण्ड. मॉडल स्कूल, स्कालर शिप योजना, विदेशों में उच्च शिक्षा, प्रतियोगिता तैयारी, आदिवासी-दलित के हॉस्टलों की मरम्मत से लेकर सुविधाएं उपलब्ध कराने का हुआ है प्रयास. 
  •  पार शिक्षक की समस्याओं का निदान, पुरानी पेंशन बहाल, आगनबाड़ी सेविका सहायिका समूह जैसे तमाम अनुबद्ध कर्मियों की समस्याओं के निदान के तरफ सरकार बढ़ रही है. 
  • राज्यवासियों की लंबित मांग, 1932 वर्ष खातियान आधारित नियोजन नीति के तरफ सरकार बढ़ी चली है.
  • ओबीसी वर्ग के आरक्षण नीति को मजबूती से लागू करने की दिशा में बढ़ी है सरकार. 
  • आंदोलनकारियों को पेंशन, नियुक्ति व अन्य अधिकारों से सम्मानित किया गया है. 
  • मुख्यमंत्री स्वयं महिलाओं को राजनीति, खेल, सुरक्षा, नयाए, समाजिक सुरक्षा से लेकर तमाम आयामों में सुदृढ़ करने हेतु विशेष तौर पर गंभीर दिखे हैं. 
  • ऊर्जा, विशेषकर सोलर ऊर्जा के सुदृढ़ीकरण की दिशा में राज्य मजबूती से बढ़ रहा है.
  • फेहरिस्त और लंबी हम अगले लेख में पढ़ेंगे…

मसलन, तमाम तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है मूल झारखण्ड की आकांक्षाओं की पृष्ठभूमि पर 6 CM के ग्राफ में मौजूदा CM हेमन्त सोरेन की नीतियाँ व दृष्टिकोण सभी से बेहतर है.

Filed Under: Viral Report Tagged With: #babulal_marandi, #bjp government, 1932 khatiyan, hemant government, hemant soren, jharkhand government, jharkhand mukti morcha, Jharkhand News, obc reservation, scheduled cast, scheduled tribe, छह CM के ग्राफ में Hemant soren आगे

  • Go to page 1
  • Go to page 2
  • Go to page 3
  • Go to Next Page »

Primary Sidebar

© 2016–2025