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हेमन्त के फैसलों से झारखण्ड वासियों के बढ़ रहे हौसले 

September 9, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : हेमन्त के फैसलों से सभी समस्याओं का स्थायी हल निकल रहा है. और राज्य की जनता पहली बार राहत महसूस कर रही है और अब उनके हौसले बुलंद हैं. 

रांची : झारखण्ड के 22 वर्षों के इतिहास में पहली बार जन पक्ष में सिलसिलेवार तौर पर मुख्यमंत्री द्वारा फैसले लिए जा रहे हैं. जिसे झारखण्ड के पूरे काल खण्ड में ऐतिहासिक रूप से स्वर्णिम काल माना जा सकता है. ज्ञात हो झारखण्ड एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा बाहुल्य राज्य है और गरीब राज्य भी है.

इस राज्य में सबसे लंबा शासन का निर्णायक काल बीजेपी की रही है. लेकिन जन अधिकार के मामले में, राज्य में हर वर्ग की समस्याएं हल होने के बजाए गहराती चली गई. लेकिन हेमन्त के फैसलों से सभी समस्याओं का स्थायी हल निकल रहा है. और राज्य की जनता पहली बार राहत महसूस कर रही है और अब उनके हौसले बुलंद हैं. साथ ही उन्हें नई राह दिखा रही है.

बीजेपी काल में गहरायी मूल समस्याओं का हेमन्त के नीतियों से निकला हल 

ज्ञात हो, बीजेपी के पूर्व की शासन कालों में बाहरियों को समर्पित नीतियों के अक्स में, एक तरफ राज्य के मूल वासियों की नियुक्ति अनुबंधकर्मी के तौर पर हुई तो दूसरी तरफ स्थायी सरकारी कर्मियों के पेंशन जैसे अधिकार को समाप्त कर उनके भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया गया. राज्य का हर वर्ग अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलनरत रहे. राज्य में सभी वर्गों के मूलवासियों का अधिकार हनन हुआ. राज्य में विस्थापन व गरीबी बढ़ी. 

लेकिन राज्य में झारखंडी जनता द्वारा चुनी गई मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन वाली सरकार में ऐसे तमाम समस्याओं का स्थायी हल सिरे से निकल रहे हैं. उदाहरण के तौर पर पार शिक्षकों की समस्याएं का स्थायी निराकरण हुआ. राज्य कर्मियों की पुरानी पेंशन की मांग पूरी हुई. jpse को नियमावली मिली. वर्षों से रिक्त पड़े पदों पर नियुक्तियाँ हो रही है. 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति के तरफ सरकार बढ़ चली है. 

आदिवासी-दलित-ओबीसी वर्ग से संबंधित समस्याओं का सीएम के फैसलों से निकल रहा हल

झारखण्ड में बीजेपी के पूर्व शासनकाल में आदिवासी-दलित-ओबीसी समुदाय के साथ घोर अन्याय हुआ. निर्दोष आदिवासियों की नक्सल के नाम पर दमन हुआ. आदिवासियों की जमीनें जबरन चहते पूँजीपतियों को लूटायी गई. ईसाई के नाम पर इनके अधिकार छीने गए. cnt-spt ऐक्ट को सजिशन खत्म करने का कुप्रयास हुआ. आदिवासियों को वनवासी कह हिन्दू पौराणिक कथाओं के शब्द असुर से फिर जोड़ा गया. इनकी सामाजिक-पारंपरिक व्यवस्थाओं को हाँसिए पर धकेला गया.  

दूसरी तरफ मूल दलित समुदाय को राजनीतिक जमीन से दूर किया गया. आरक्षित संवैधानिक सीटों पर बाहरी फर्जी प्रतिनिधियों को बिठाया गया. जिससे आरक्षित पदों की मूल भावना बे-अर्थ हुई और अनुसूचित समुदाय अपने अधिकार से बेदखल हुए. वहीं राज्य के ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कटौती हुई. जातियों से संबंधित रोजगार-धंधे खत्म हुए. सरकारी शिक्षा व्यवस्था लाचार किए जाने से इन वर्गों का भविष्य अंधकारमय हुआ. हेमन्त शासन में इनकी समायाओं का स्थायी हल निकाल इन्हें संवैधानिक अधिकार से जोड़ा जा रहा है.  

सीएम के निर्णयों से राज्य की महिला हो रही है आत्मनिर्भर 

राज्य में पहली बार हेमन्त सरकार में गंभीरता से महिलाओं को समाज में भागीदार बनाया जा रहा है. राज्य की महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा से जोड़ा गया है. महिलाओं को समर्पित कई योजनाएं चलायी जा रही है. सखी मण्डल की दीदियों को सामाजिक उत्थान में मजबूती से भागीदार बनाया गया है. महिला शिक्षा, रोजगार, न्याय, खेल से लेकर तमाम आयामों में नीतियों के माध्यम से विशेष सहूलियत दे मानुवाद के पितृ सत्ता को चुनौती हेमन्त सरकार द्वारा दी गई है. मसलन, झारखण्ड के 22 वर्ष के इतिहास में पहली बार हेमन्त के फैसलों से झारखण्ड वासियों के हौसले बढ़ते दिख रहे हैं.

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झारखण्ड – छह CM के ग्राफ में Hemant soren सबसे आगे 

September 7, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा बाहुल्य राज्य के 22 वर्षों के इतिहास में 6 CM के ग्राफ में Hemant soren का कार्यकाल मूल झारखण्ड की पृष्ठभूमि में सभी से बेहतर प्रतीत होता है. 

रांची : देश के संविधान के अनुसार भारतीय राज्य झारखण्ड का वास्तविक कार्यकारी प्राधिकरण मुख्यमंत्री के पास होता है. राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री नियुक्त होता है, जिनकी मंत्रिपरिषद विधानसभा के प्रति मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है. झारखण्ड एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा बाहुल्य राज्य है और गरीब राज्य भी है. ऐसे में राज्य के विकास में इन वर्गों के प्रति किसी भी मुख्यमंत्री की नीतियां अहम होती है. और राज्य के विकास का कारक भी होता है. लेख में मुख्यतः bjp और jmm के CM के ग्राफ का आकलन होगा.

झारखण्ड का इतिहास 22 वर्षों का है. और इस कालखण्ड में प्रदेश ने चार अर्धकालिक–पूर्णकालिक मुख्यमंत्री देखा. झारखण्ड प्रदेश में सबसे लंबा शासन बीजेपी के मुख्यमंत्रियों का रहा है. और वर्तमान में राज्य झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का शासन है. हेमन्त सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री हैं. चूंकि राज्य में बीजेपी द्वारा भारी राजनीतक उथल-पुथल मचायी जा रही है. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है दोनों दलों के CM के ग्राफ उनकी नीतियों के आधार पर, विकास की कसौटी पर आकलन हो. 

झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों की सूची –

SN.CM of JharkhandFromToparty
1Babulal MarandiNov 15, 2000Mar 17, 2003BJP
2Arjun MundaMar 18, 2003Mar 2, 2005BJP
3Shibu SorenMar 2, 2005Mar 12, 2005JMM
4Arjun MundaMar 12, 2005Sep 14, 2006BJP
5Madhu kodaSep 14, 2006Aug 23, 2008IND
6Shibu SorenAug 27, 2008Jan 18, 2009JMM
–President RuleJan 19, 2009Dec 29, 2009–
7Shibu SorenDec 30, 2009May 31, 2010JMM
–President RuleJun 1, 2010Sep 11, 2010–
8Arjun MundaSep 11, 2010Jan 18, 2013BJP
–President RuleJan 18, 2013Jul 12, 2013–
9Hemant SorenJul 13, 2013Dec 23, 2014JMM
10Raghuvar DasDec 28, 2014Dec 23, 2019BJP
11Hemant SorenDec 29, 2019PresentJMM
झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों की सूची

बीजेपी दल के CM के कार्यकाल की प्रमुख नीतियाँ 

  • झारखण्ड के इतिहास में, बीजेपी काल में झारखण्ड के मूलवासी- आदिवासी वर्ग की न केवल अनदेखी हुई बाहरियों द्वारा राज्य में मूल वर्गों के अधिकारों का दोहन हुआ. 
  • आदिवासी-मूलवासी वर्ग के ज़मीनों का अधिग्रहण कर चाहते कॉर्पोरेट को खुश किया गया. 
  • राज्य में शिक्षा-व्यवस्था को चौपट किया गया, मर्जर के नाम पर स्कूलों को बंद किया गया. 
  • पलायन के दर में इजाफा हुआ. विस्थापन की समस्या गहरायी. 
  • ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कटौती हुई. 
  • JPSC के लिए नियमावली तक नहीं बनाया गया. 
  • आदिवासियों वर्ग को वनवासी कह हिन्दू बनाने का प्रयास हुआ. 
  • दलित आरक्षित सीट पर बाहरी फर्जी जन प्रतिनिधि को थोपा गया. 
  • आदिवासियों की सुरक्षा कवच cnt, spt एक्ट को साजिशन कमजोर करने का प्रयास हुआ. 
  • अनुबंध पर मूलवासियों की बहाली ली गई और उनके भविष्य को गर्त में धकेला गया. 
  • बाहरियों को समर्पित नियोजन नीति धरातल पर उतार गया. 
  • क्षेत्रीय भाषाओं की अनदेखी हुई. महापुरुषों के सपनों को कुचला गया. 
  • राज्य के सपड़ा की लूट व दोहन हुआ. 
  • राज्य की महिलायें हाड़िया-दारू बेचने को विवश हुई. 
  • मानव तस्करी जैसे कोढ़ का बीजारोपन हुआ. 
  • राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़े. 
  • राज्य में कृषि व लघु उद्योग सिरे के खत्म हुए. 
  • प्राकृतिक रूप से धनी राज्य कुपोषण की समस्या का शिकार हुआ और वातावरण असंतुलित हुआ.
  • निर्दोष आदिवासियों का नक्सल के नाम पर दमन हुआ.

मौजूदा CM के ग्राफ में JMM दल के Hemant soren की कार्यकाल की नीतियाँ 

  • झारखण्ड के इतिहास में JMM दल के मुख्यमंत्री में राज्य के आम जनता के प्रति संवेदनशीलता दिखी. 
  • बेहतर प्लानिंग से राज्य के ग्रामीण व दुर्गम इलाकों में पहुंची स्वास्थ्य सेवाएं. 
  • अल्प संसाधन के बीच बेहतर करोना महामारी प्रबंधन. 
  • राज्य में अनुसूचित जनजाति-1672 , अनुसूचित जाति-682, पिछड़ा वर्ग -1180 लाभूक, दिव्यांग-70 , अल्पसंख्यक249 समेत सभी वर्ग के लाभूकों को लोन के माध्यम से आत्म निर्भर बनाया गया.
  • ‘मुख्यमंत्री’ से जुड़ी योजनाएं सभी वर्गों के शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार को समर्पित दिखी. 
  • गंभीर बीमारियों में जनता तक पहुंची मदद, लाभूक में सरकारी कर्मी, श्रमिक व मध्यम वर्ग भी हुए शामिल. 
  • विलुप्त हो रहे जनजातीय भाषाओं को बचाने का प्रयास हुआ है. 
  • आदिवासी अस्मिता के प्रति सजग दिखी सरकार, सरना कोड लागू से लेकर परंपरा, इतिहास संरक्षण में मुख्यमंत्री स्वयं गंभीर.
  • सामाजिक सुरक्षा को लेकर सरकार दिखी गंभीर, धरातल पर कई योजनाएं उतारी गई.  
  • Safe And Responsible Migration Initiative [SRMI] का हुआ शुभारम्भ
  • वर्षों से लंबित रिक्त पदों पर युवाओं को सौंपा गया नियुक्ति पत्र. 
  • मुख्यमंत्री की नीतियों ने तोड़ा मनुवादी चक्रव्यूह महिलाओं को बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर. 
  • नक्सल क्षेत्रों के युवा को “सहाय” योजना से जोड़ नए सिरे से भविष्य सवारने का प्रयास. 
  • झारखण्ड को खेल नीति, उद्योग नीति, पर्यटन नीति व jpse नियमावली दिए गए. 
  • शिक्षा की दिशा में मजबूती से बड़ा है झारखण्ड. मॉडल स्कूल, स्कालर शिप योजना, विदेशों में उच्च शिक्षा, प्रतियोगिता तैयारी, आदिवासी-दलित के हॉस्टलों की मरम्मत से लेकर सुविधाएं उपलब्ध कराने का हुआ है प्रयास. 
  •  पार शिक्षक की समस्याओं का निदान, पुरानी पेंशन बहाल, आगनबाड़ी सेविका सहायिका समूह जैसे तमाम अनुबद्ध कर्मियों की समस्याओं के निदान के तरफ सरकार बढ़ रही है. 
  • राज्यवासियों की लंबित मांग, 1932 वर्ष खातियान आधारित नियोजन नीति के तरफ सरकार बढ़ी चली है.
  • ओबीसी वर्ग के आरक्षण नीति को मजबूती से लागू करने की दिशा में बढ़ी है सरकार. 
  • आंदोलनकारियों को पेंशन, नियुक्ति व अन्य अधिकारों से सम्मानित किया गया है. 
  • मुख्यमंत्री स्वयं महिलाओं को राजनीति, खेल, सुरक्षा, नयाए, समाजिक सुरक्षा से लेकर तमाम आयामों में सुदृढ़ करने हेतु विशेष तौर पर गंभीर दिखे हैं. 
  • ऊर्जा, विशेषकर सोलर ऊर्जा के सुदृढ़ीकरण की दिशा में राज्य मजबूती से बढ़ रहा है.
  • फेहरिस्त और लंबी हम अगले लेख में पढ़ेंगे…

मसलन, तमाम तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है मूल झारखण्ड की आकांक्षाओं की पृष्ठभूमि पर 6 CM के ग्राफ में मौजूदा CM हेमन्त सोरेन की नीतियाँ व दृष्टिकोण सभी से बेहतर है.

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विधानसभा झारखण्ड : hemant सरकार को बहुमत प्रचंड तो भाजपा में खण्ड 

September 5, 2022 by najhma Leave a Comment

विधानसभा झारखण्ड : cm hemant soren  ने कहा झारखण्ड को 1932 खातियान व obc आरक्षण की जरूरत. हेमन्त सरकार को विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 वोट मिले. 

विधानसभा झारखण्ड : राज भवन की आँख मिचौली के बीच मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया है. हेमन्त सरकार को विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 वोट मिले. दिलचस्प बिन्दु यह रहा कि अविश्वास में एक भी मत प्राप्त नहीं हुए. ऐसा माना जा रहा कि इसमें कुछ बीजेपी विधायकों के गुप्त वोट भी शामिल है. भाजपा एवं उनके सहयोगी दल ने सदन से वाकआउट किया.

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन अपने आंदोलनकारी मिजाज में दिखे. हेमन्त सोरेन का निडर व्यक्तिव एक बार फिर विधानसभा में दिखा. उन्होंने कहा एक हेमन्त सोरेन को रोकने के लिए पूरा केन्द्रीय महकमा लगा है, लेकिन मैं, हेमन्त सोरेन, शिबू सोरेन, एक आंदोलनकारी का बेटा हूं, जो न कभी डरा है, न कभी झुका है और न कभी झुकेगा.

cm hemant soren ने विधानसभा में बीजेपी पर साधा निशान 

सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा बीजेपी व उसके नेताओं पर जमकर निशाना सीधा गया. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सिरे से भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों के नेताओं पर बरसे. सोरेन ने कहा जब बीजेपी का प्रधानमंत्री आधा देश के मुख्यमंत्रियों से लड़ायी कर रहा हो ऐसे में राज्य समेत देश का विकास कैसे हो सकता है. देश में देशवासियों को देश का झण्डा तक बेचा गया.

विधानसभा झारखण्ड : cm ने कहा कि bahulal marandi गिरगिट से ज्यादा बदलते हैं रंग

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि बाबूलाल मारांडी गिरगिट से अधिक तेजी से रंग बदलते हैं. दुमका में तीन ब्राह्मण नेता निशिकान दुबे, मनोज तिवारी व कपिल मिश्रा अंकित सिंह के घर पहुंचे लेकिन सुनील सोरेन को छोड़ दिया. जब इसपर सवाल उठाया गया तो बाबूलाल मारांडी ने दूसरी घटना में उन्हें अपने पास बिठाया. 

आजसू विधायक सुदेश महतो हमेशा झारखण्ड के मूल नेता होने की तस्वीर पेश करने का प्रयास किया है. लेकिन राज्य का ज्वलंत सच यह है कि उन्होंने अपने दोनों हाथों लड्डू रखा है. ऐसी ही लोगों के कारण झारखंडी लंबे दौर से बार-बार छला गया है. 

सदस्यता मुद्दे पर cm hemant ने बीजेपी विधायक समरी लाल को आड़े हाथों लिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बीजेपी मेरी सदस्यता को लेकर हाय-तौबा मचाए हुए है. झारखण्ड की सरकार और उसकी विकास गति को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. लेकिन, वहीं वही बीजेपी बाहरी नेता समरी लाल को फर्जी विधायक बनाकर झारखण्ड पर थोपा दिया है. इलेक्शन कमीशन को इसकी शिकायत भेजी गई है. लेकिन, अभी तक झारखण्ड के हक-अधिकार की पुकार को आधार में लटका कर रखा गया है. 

hemant sarkar 1932 खातियान और obc आरक्षण लाएगी 

विधानसभा मे सीएम हेमन्त सोरेन कहा कि झारखण्ड में 1932 खातियान और ओबीसी आरक्षण जरूरी है. आदिवासियों के लिए cnt-spt ऐक्ट जरूरी है.  इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबूलाल जी बताएं कि राज्य मे ओबीसी आरक्षण किसने घटाया है. हमारी सरकार इन दोनों मुद्दों पर गंभीरता से कार्य कर रही है. जल्द ही राज्यवासियों को सौगात मिलेगी. 

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