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Viral Report

झारखण्ड : हेमन्त सोरेन – एक झारखंडी सीएम के मायने

September 28, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : हेमन्त सोरेन के रूप में एक सशक्त झारखंडी सीएम के मायने राज्य भली भांति समझ रहा है. सीएम हेमन्त के पीछे जनता लगातार एकजुट हो रही है.  

रांची : झारखण्ड राज्य में हेमन्त सोरेन के रूप में एक सशक्त, जुहारू झारखंडी सीएम के मायने राज्य की जनता समझ गई है. वह समझ चुकी है कि राज्य में पूर्व सत्ताओं द्वारा फैलाई गई मकड़जाल को राज्य हित में काटने हेतु केवल यही एक कुशल व सशक्त शख़्सियत हैं, जननेता हैं.

नतीजतन जैसे-जैसे सीएम हेमन्त का कार्यकाल आगे बढ़ रहा राज्य व जनता को समस्याओं से मुक्ति मिल रही है. और राज्य की जनता सीएम हेमन्त के पीछे लगातार एकजुट हो रही है. आभार अभिव्यक्ति के रूप में इसका स्पष्ट उदाहरण राज्य देख रहा हैं. यह सिलसिला रुका नहीं है बढ़ता ही जा रहा है. न मुख्यमंत्री थक रहे हैं और न ही जनता.  

रसोइया संयोजिका संघ का धरना विधायक सुदिव्य कुमार की अगुवाई में समाप्त 

ज्ञात हो, राज्य की राजधानी में, राजभवन के समक्ष पूर्व की सत्ता के गलत नीतियों का दंश झेल रहे रसोइया संयोजिका संघ अपनी समस्याओं के मद्देनजर धरना पर बैठे थे. लेकिन, मुख्यमंत्री व उनकी सरकार का संकल्प है कि राज्य की समस्याओं का समाधान अब सड़कों पर नहीं बल्कि मिल-बैठ कर शांतिपूर्वक होगा. 

मसलन, हेमन्त सरकार के अनुभवी विधायक सुदिवय कुमार की अगुवाई में, इनकी मागों के मद्देनजर सफल शांति वार्ता सम्पन्न हुई. जिसके उपरांत रसोइया-संयोजिका संघ द्वारा प्रदर्शन को समाप्त कर दिया गया. हेमन्त सरकार के शांति दूत विधायक सुदिव्य कुमार द्वारा उनकी जायज मांगों को जल्द पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया. 

ज्ञात हो, रसोइया-संयोजिका संघ व धरना पर बैठे कर्मी सरकार के शांति प्रस्ताव से काफी खुश नजर आए. उनके द्वारा हेमन्त सोरेन जैसे झारखंडी मानसिकता को सीएम के पद पर काबिज होने पर खुशी जताई गई. साथ ही जन हित में मुख्यमंत्री के स्पष्ट नीतियों को उनके द्वारा सराहा गया. उनकी बातों में एक झारखंडी सीएम के मायने साफ झलक रहा था. 

सहायक अध्यापकों को मिलेगा एक साथ तीन महीने का मानदेय 

हेमन्त सरकार में राज्य के पारा शिक्षकों की समस्यों का स्थाई समाधान निकाल जा चुका है. अब वह झारखण्ड प्रदेश के सहायक अध्यापक के रूप में प्रदेश में कार्यरत हैं. इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब सरकार उन्हें एक साथ तीन माह का मानदेय देने दिशा में बढ़ चली है. इस बाबत सरकार द्वारा सभी जिलों से इनकी सितंबर माह तक की ऐटेंडेंस रिपोर्ट मांगी गई है. 

ज्ञात हो राज्य में फेस्टिव सीजन की शुरुआत होने वाले है. ऐसे में दुर्गा पूजा के पूर्व तीन माह का एकमुस्त वेतन देने हेतु सरकार का फैसला इन्हें राहत दे सकती है. ज्ञात हो, सहायक अध्यापकों के मानदेय भुगतान के मामले में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की सहमति मिल चुकी है. और झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद अग्रेतर कार्रवाई कर रहा है.

कोरोना संक्रमण में जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नियुक्ति

ज्ञात हो, कोरोना संक्रम से लड़ाई में पूरे झारखण्ड ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर एकजुटता दिखाई थी और इस संकट पर विजय हासिल किया था. राज्य के कर्मियों ने अपनी क्षमता से अधिक प्रदर्शन किया था. इस क्रम में कई कर्मियों के शहादत भी हुई थी. ऐसे कर्मियों के परिवार के प्रति हेमन्त सरकार द्वारा संवेदनशीलता दिखाई गई है. 

झारखण्ड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो द्वारा कोरोना संक्रमण में जान गवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की गई. कोरोना संक्रमण में अपने सुहाग खोने वाली 5 महिलाओं को विधानसभा के एलडीसी पद पर नियुक्ति मिली. सामाजिक सुरक्षा में ऐसी पहल राज्य वासियों को राज्य के प्रति अपनी भूमिका निभाने को प्रेरित करेगी. 

सचिवालय सेवा में अवर सचिव, उप सचिव व संयुक्त सचिव के पदों पर प्रोन्नति जल्द 

प्रोन्नति समिति बैठक में झारखण्ड सचिवालय प्रशाखा पदाधिकारी, अवर सचिव, उप सचिव व संयुक्त सचिव की प्रोन्नति पर आम सहमति बन चुकी है. इसमें 68 से अधिक नामों पर विचार किया जा रहा है. राज्य सरकार से सहमति प्राप्त कर इस संबंध अधिसूचन जल्द जारी की जा सकती है. ज्ञात हो, वर्षों बाद हेमन्त सरकार में सचिवालय में अब तक लगभग 500 पदाधिकारियों को प्रोन्नति मिल चुकी है. और यह क्रम जारी है.

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सीएम हेमन्त सोरेन का जनपक्ष में 5 संकल्प 

September 27, 2022 by najhma Leave a Comment

समस्याओं के हल निकले से सभी वर्ग में खुशी है. जनता सीएम का आभार जाता रहे हैं. आभार स्वीकार करते हुए सीएम हेमन्त जन पक्ष में हमेशा पाँच संकल्प दोहरा रहे हैं.

झारखण्ड : झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा सिर से राज्य व जनता सभी समस्याओं का स्थाई हल निकाला जा रहा है. चुनावों के दौरान जनता से किए वादे को एक-एक कर निभाते देखे जा रहे हैं. झारखण्ड की संघर्षशील जनता के समस्याओं के हल निकले के कारण सभी वर्ग व समुदायों में खुशी है. विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सभी मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री सभी मंचों से न केवल राज्य की जनता का आभार सहर्ष स्वीकार कर रहें हैं. कमोवेश हर मंच से जन पक्ष में मुख्यतः पाँच संकल्प मजबूती दोहराते देखे जा रहे हैं. मुख्यमंत्री लगातार राज्य की जनता को एक जुट होने का आह्वान कर रहें हैं और राज्य के विकास में भागीदार बनने का अपील कर रहे हैं. और हर वर्ग एक स्वर में हामी भी भरते देखे जा रहे हैं. 

संकल्प न. 1 – राज्य वासियों का सुनिश्चित होगा सामाजिक संकल्प 

देश भर में कमर तोड़ती महंगाई के बीच हेमन्त सरकार द्वारा सबसे पहले अपनी गरीब जनता की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई. ज्ञात हो, सर्वजन पेंशन योजना के तहत राज्य के लाखों गरीब, जरुरतमन्द, बुजुर्ग, विधवा, एकल, परित्यक्त महिला, दिव्यानग को पेंशन मुहैया कराई गई है. इसके उपरांत सीएम द्वारा राज्य के सरकारी कर्मियों के भविष्य को संरक्षित किया गया. सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू की गई. 

इस संदरदर्भ में सीएम द्वारा कहा गया कि सरकारी कर्मियों का राज्य के विकास में अहम योगदान होता है. और रिटायरमेंट के बाद इन कर्मियों का पेंशन ही सबसे बड़ा सहारा होता है. यह उनके बुढ़ापे की लाठी होती है. जिससे वह मान-सम्मान के साथ अपना बुढ़ापा व्यतीत करते हैं. ऐसे में यदि उनका भविष्य ही सुरक्षित ना हो तो वह कैसी राज्य विकास में शत-प्रशीत योगदान दे सकता है. मसलन, राजकोष पर तमाम आर्थिक बोझों के बीच भी पुरानी पेंशन लागू की गई है. 

संकल्प न. 2 – राज्य के संसाधन पर स्थानीयों का पहला हक 

झारखण्ड के प्रति सीएम का मानना है कि राज्य न तो गरीब है और ना ही राज्य में संसाधनों की कोई कमी है. यहां के संसाधनों से दूसरे राज्यों की आर्थिक स्थति मजबूत होने के कई प्रमाण सामने हैं. हमारे राज्य के लोग मेहनतकश है. लेकिन पूर्व के सत्ताओं द्वारा मकड़जाल में फंसा कर राज्य को गरीब बना दिया गया है. राज्य की जनता को उनका हक और अधिकार मिलन चाहिए. और हमारी सरकार इस मुद्दे पर काफी गंभीर है. 

राज्य के संसाधनों पर आदिवासियों और मूल वासियों का पहला हक है. और हमारी सरकार उन्हें यह देने का सिलसिला शुरू कर चुकी है. और झारखण्ड के विकसित होने तक यह कवायद जारी रहेगा. ज्ञात हो, इसी कड़ी में हेमन्त सरकार द्वारा स्थानीयों के लिए निजी नियुक्तियों में 75% आरक्षण सुनिश्चित किया गया है. और अब 1932 वर्ष काल आधारित स्थानीयता व नियोजन नीति पिछड़ों के लिए 27 % आरक्षण सुनिश्चित करने की दिशा में मजबूती से बढ़ चली है.  

संकल्प न. 3 – हेमन्त सरकार सबकी सुनेगी सबकी करेगी 

मुख्यमंत्री द्वारा कई मंचों लगातार कहा गया है कि उनकी संवेदनाएं राज्य के हर वर्ग और हर तबके के प्रति समान हैं. वह राज्य के हर वर्ग के चहरे पर मुस्कान लाना चाहते हैं. सीएम का स्पष्ट कहना है कि उनकी सरकार सभी की सुनेगी और सभी की करेगी. इस संकल्प के साथ उनकी सरकार सभी के कल्याण और विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है. 

ज्ञात हो, राज्य में हेमन्त सरकार द्वारा शुरू ही योजनाओं की सराहना देश के साथ विदेशों में भी हो रही है. अन्य देश भी राज्य सरकार की योजनाओं में सहयोग करने हेतु स्वयं आगे आए हैं. निश्चित रूप से इसका लाभ राज्य वासियों को मिल रहा है और आगे भी मिलेगा. और इस दिशा में और तेजी से साथ कार्य करने हेतु सीएम द्वारा जनता से सहयोग की अपील की गई है. 

संकल्प न. 4 – झारखण्ड विकास में निर्धारित है लक्ष्य – नहीं रुकेंगे 

ज्ञात हो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड ने सौर्य ऊर्जा, खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, उद्योगिकीकरण, इतिहास, आदिवासी, दलित, पिछड़ा कल्याण व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती की दिशा में नए सिरे से सधे कदम बढ़ाया है. सरकार को लगभग हर दिशा में सफलता भी मिल रही है. राज्य को कई उपलब्धियां भी हासिल हुई है. जो राज्यवासियों को गौरवावित करने वाली रही है. 

इस संदर्भ में सीएम सोरेन का कहना है कि राज्य के विकास के लिए उनकी सरकार द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उनके राह में अब चाहे कितने भी रोड़े आए, वह न भटकेंगे और ना ही रुकेंगे-थकेंगे. वह हर हाल में आगे बढ़ेंगे और राज्य को एक विकसित राज्य बनाएंगे. इस कड़ी में हम राज्य वासियों को पूरे मान सम्मान के साथ हक और अधिकार दिया जा रहा हैं. 

संकल्प न. 5 – सड़कों पर अब और आंदोलन नहीं – शांति से समस्याओं का होगा समाधान

ज्ञात हो, पूर्व की भाजपा सत्ता काल में लगभग राज्य का हर वर्ग सड़कों पर आंदोलन करने को विवश रहा. और इस क्रम में झारखंड के बेटे ही नहीं बेटियों ने भी अपनी पीठ पर लाठियाँ खाई है. लेकिन न ही उनकी समस्याओं का समाधान हुआ और ना ही उनकी मांगें पूरी हुई. राज्य में हर तरफ अशान्ति का वातावरण रहा. लेकिन हेमन्त शासन में स्थिति बदली है, जनता को उनके हक अधिकार मिले हैं जिससे राज्य शांति से अपने विकास हेतु सोच पा रहा है. 

इस संदर्भ में सीएम हेमन्त का कहना है कि सरकार को सेवा दे रहे किसी भी कर्मी को अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर नहीं उतरना पड़ेगा. जिस प्रकार हमारी सरकार ने अधिकांश कर्मियों की जायज मांगों को संवेदना के साथ पूरा किया है आगे भी करती रहेगी. जिससे अब किसी भी वर्गीय समस्या के मद्देनजर जनता को सड़कों पर आंदोलन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. शेष यथोचित समस्याओं का निराकरण करने की दिशा में भी सरकार बढ़ चली है.

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जन अपेक्षा की कसौटी पर हेमन्त सरकार के 1000 दिन का रिपोर्ट

September 26, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : जनता की अपेक्षा की कसौटी पर हेमन्त सरकार के 1000 दिन के कार्यकाल का लेखा-जोखा. जो तुलनातमक तौर पर स्पष्ट रूप से पूर्व के सभी सत्ताओं पर भारी पड़ती दिखती है. 

रांची : झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के 1000 दिनों के कार्यकाल में, मूलवासी-आदिवासी समेत तमाम झारखण्ड वासियों के लंबे संघर्ष का सिरे से स्थाई हल निकलें हैं. राज्य के मूलवासी, आदिवासी समेत सभी वर्गों के हक-अधिकार को संरक्षण मिला है. 

साथ ही मौजूदा शासन में राज्य को पूर्व सत्ताओं द्वारा फैलाई गई मकड़जाल से मुक्ति मिल रही है. ज्ञात हो, कोरोना काल झारखंड ने देश भर में सबसे पहले अपनी नागरिकों को प्लेन और टेन से घर वापसी की. यही नहीं यह राज्य देश को ऑक्सीजन सप्लाई करने में नंबर 1 राज्य की उपलब्धि हासिल की. 

हेमन्त सरकार के 1000 दिन के कार्यकाल में कैबिनेट से पारित महत्वपूर्ण प्रस्ताव 

  • 1932 अथवा उसके पूर्व खतियान के आधार पर स्थानीयता परिभाषित करने हेतु कैबिनेट से प्रस्ताव पारित. 
  • एससी-12%, एसटी- 28%, और पिछड़ा-27% आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु कैबिनेट से प्रस्ताव पारित. 
  • राज्य कर्मियों की वर्षों पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांग को लागू किया गया. 
  • निजी क्षेत्रों के नियुक्तियों में राज्य के स्थानीय को मिल 75% आरक्षण. 
  • रिकार्ड दिनों में विभिन्न विभागों में दशकों से रिक्त पड़े पदों पर नियुक्तियां हुई और सिलसिला जारी है. 
  • आर्थिक रूप से कमजोर और महँगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को मुफ़्त 100 यूनिट बिजली मुहैया कराने हेतु प्रस्ताव पारित हुए.
  • झारखण्ड ने सौर्य ऊर्जा, खेल, स्वास्थ्य व उद्योगिकीकरण की दिशा में बढ़ाया मजबूत कदम. 

असदीवासी, मूलवासी व गरीब जन अपेक्षाओं पर सरकार के 1000 दिन 

  • गरीबों को पेट्रोल पर 25 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी दी गई. 
  • विशेष सत्र के माध्यम से सरना आदिवासी धर्म कोड को पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया. 
  • पहली बार झारखण्ड में इतिहास, परंपरा, भाषा, शिक्षा व साहित्य के संरक्षण में जनजातीय महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ. 
  • TAC का गठन एवं आदिवासी धर्म, साहित्य व परंपरा संरक्षण में मजबूत कदम बढ़े हैं. 
  • सर्वजन पेंशन योजना से लाखों जरुरतमन्द बुजुर्ग, विधवा, एकल, परित्यक्त महिला, दिव्यानग को पेंशन मुहैया करा सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया गया. 
  • आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार से अबतक 35 लाख लोगों का हक-अधिकार सुनिश्चित किया गया है.

हेमन्त सरकार के 1000 दिन के कार्यकाल में उतारी गई महत्वपूर्ण योजनाएं 

  • मुख्यमंत्री पशुधन और कृषि ऋण माफी योजना से राज्य के लाखों किसान सशक्त बने हैं या बनने की राह पर बढ़ चले हैं. राज्य में अब तक 14 लाख किसान  KCC से जुड़े है. 
  • राज्य के लाखों अति गरीब जरुरतमन्दों को मात्र 10/- रुपए में धोती, साड़ी और लूंगी मुहैया करायी जा रही है.
  • मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना (CMEGP) से हजारों युवाओं को मिल रहा स्वरोजगार.
  • बिरसा हरित ग्राम, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि और फोटो हो खेल विकास योजना से हो रहा है ग्रामीण रोजगार सृजन.  
  • राज्य के 15 लाख जरूरतमंदों व गरीबों को मिल हरा राशन कार्ड

झारखण्ड ने हेमन्त सरकार के 1000 दिन के कार्यकाल में शिक्षा की दिशा में बढ़ाया मजबूत कदम 

  • पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत एससी, एसटी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को मिल रही है विदेश में उच्च शिक्षा.  
  • पारा शिक्षक और आंगनबाड़ी बहनों की दशको पुरानी मांगों का स्थाई तौर पर सामाधान हुआ. 
  • पूर्वी भारत का पहला ट्राइबल यूनिवर्सिटी का गौरव झारखण्ड को प्राप्त हुआ है. 
  • राज्य के प्रत्येक पंचायत ने मॉडल स्कूल की सौगात मिली है. 
  • राज्य के कई जिलों को कॉलेज व यूनिवर्सिटी मिला.

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बीजेपी विधायक शाही के ट्वीट का जवाब देने खुद उतरे सरकारी कर्मी

September 24, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड में कुछ अलग हुआ जिसका अंदेशा नहीं था बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही को. सरकार के पक्ष में बीजेपी विधायक के ट्वीट का जवाब देने खुद उतरे सरकारी कर्मी व आम जनता मैदान में. विधायक जी की जमीन हिलती दिखी.  

रांची : आम तौर देखा जाता है कि जब किसी सत्ता पक्ष पर विपक्षीय दल का हमला होता है तो उसके कार्यकर्ता ही जवाब देने मैदान में उतरती है. लेकिन झारखण्ड में इस बार कुछ अलग मंजर दिखा. वैसे तो सरकारी कर्मी किसी राजनीतिक दल के पक्ष में खुल कर अपना मत नहीं रखते हैं. क्योंकि अक्सरहां वह सरकार की नीतियों नाराज ही रहते हैं. परन्तु झारखण्ड राज्य में स्थिति दूसरी हो चली है.जनता के रडार पर आए बीजेपी विधायक। शाही.

ज्ञात हो, आंगनबाड़ी कर्मी, सरकारी कर्मचारी, अब सहायक आचार्य पूर्व के पारा शिक्षक, पुलिस के जवान आदि सरकार के लिए स्वयं बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही को जवाब देने खुल कर सामने आए. और बीजेपी विधायक के नासूर जख्मों को भीतर तक कुरेद दिया. जिसका अंदेशा कतई ही बीजेपी बिधायक भानु प्रताप शाही को नहीं रहा होगा. विधायक जी की पूरी जमीन हिलती दिखी. और बीजेपी का आईटी सेल या ट्रोल आर्मी चारों खाने चित दिखी.

बीजेपी विधायक भानु प्रताप ने सीएम का आभार जताते कर्मियों बताया था झूठ 

दरअसल, बीजेपी विधायक भानु प्रताप ने अपने ट्वीट में झारखण्ड के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने आ रहे विभिन्न समूहों पर टिप्पणी करते हुए थोड़ा बेलगाम हो गए. हालांकि वह सोरेन परिवार व्यक्तिगत टिप्पणी करते रहे हैं परन्तु हमेशा सीएम हेमन्त सोरेन उन्हें अनदेखा करते दिखे हैं. लेकिन इस बार झारखंडी सीएम व राज्य के स्वाभिमान पर हमला हुआ था. मसलन, राज्य के कर्मियों व जनता ने बीजेपी विधायक शाही को आड़े हाथों ले लिया.

शाही को जवाब देने का जिम्मा सम्भाला राज्य के सरकारी कर्मियों ने

शाही ने जब लिखा कि फूल-अबीर-गाड़ी भाडा-मिठाई का व्यवस्था करके मुख्यमंत्री अपना धन्यवाद करवा रहे हैं तो किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति या समूह को गलत लगना लाजमी था. मसलन, सरकार के तरफ से शाही को जवाब देने का जिम्मा सरकारी कर्मियों ने सम्भाल लिया. 

कर्मियों ने कहा कि वर्षों के संघर्ष के बाद जिन समूहों की समस्याओं का समाधान सीएम हेमन्त सोरेन की सरकार में हुआ. झारखंडी परंपारा के अनुसार निश्चित रूपों से वह समहू अपने सीएम का धन्यवाद ज्ञापन करेंगे. सभी लोग हमेशा पैसा या खाना के व्यवस्था पर ही नेता के पास नहीं पहुँचते हैं. 

इस दिन को बीजेपी विधायक शाही जरूर भूलना चाहेंगे 

जब कर्मियों ने जब अपना रिप्लाई देना शुरू किया तो बात दवा घोटाले, बाबा का भक्त, भाजपा नेता के द्वारा उत्तराखंड में बालिका का किया गया हत्या, मरांडी जी के सहयोगी पर लगे बलात्कार के आरोप, मोदी जी की रैली तक चली गई. उमेश जी ने लिखा कि कब कपिल मिश्रा, मनोज तिवारी, बाबूलाल जी को भाड़ा देकर उत्तराखंड भेज रहे हो. जहाँ भाजपा नेता के बेटा पर हत्या का आरोप है. मसलन, यह दिन निश्चित तौर पर बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही भूलना चाहेंगे. 

जनता ने दिखाई बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही को सच का आईना 

  • शानू ने लिखा 1932 वाला भी भाड़ा वाला दिख रहा है? 
  • नितिन जी ने लिखा कि इन सारे तथाकथित भाड़े के आदमियों के जेब में सरकारी आई कार्ड होता है. थोड़ा समझ बुझ के चलिए क्योंकि आज भी आपने पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन करने का हिम्मत नहीं दिखाई है. 
  • मुकेश पासवान जी ने लिखा कि पेंशन की बात तो छोड़िये जनता के बीच खड़े होकर मँहगाई पर एक शब्द बोलने का हिम्मत नहीं है.
  • गुड्डू जी ने एक कदम और आगे जाते हुए लिख दिया कि आप महामहिम राज्यपाल महोदय का आभार प्रकट करने के लिए भीड़ जुटा लीजिये. आख़िरकर वे भी तो अपने संवैधानिक पद की मर्यादा को ताक पर रखकर आप सबके रोजी रोटी के लिए इतना कुछ करना चाह रहे हैं.
  • एक ने तो लिख दिया कि 2024 में जाने का तयारी कर लीजिये, आप और आपका पार्टी मुद्दा विहीन हो गया है.
  • सुनील कमार ने लिखा कि आपकी सरकार किस मुद्दे पर धन्यवाद लेती?
  • सुनील करमाली ने तो लिख दिया कि आप लोगों का जलन कम होने वाला नहीं है, भाजपा के लिए आप बौरो खिलाड़ी हैं.
  • एक ने लिखा कि आप भी आभार रैली निकलवा कर देखिये आखिर 108 करोड़ कब काम आयेगा. वे इशारा कर रहे थे स्वास्थ्य विभाग में शाही के खिलाफ चल रहे CBI जाँच की.
  • एक अन्य यूजर ने तो हद कर दिया लिखा कि दवा चोर झारखण्ड के गरीब का दवा बेचकर खाने वाले चोर 2024 में समझ में आयेगा.

बीजेपी विधायक की आरती में कमेंट की फेहरिस्त लंबी है जैसे –

  • कर्मचारी का दर्द क्या होता है यह आपको कहाँ पता है श्रीमान? राष्ट्र प्रेमी और त्यागी हो तो अपना वेतन और पेंशन त्याग कर सेवा कीजिये. 
  • विरोध करते वक्त कर्मचारियों एवं जनता को झूठा साबित मत कीजिये. इसका आपको आने वाले दिनों में बड़ा नुकसान होगा. 
  • आप एक ढंग से कह रहे हैं कि ये सभी पैसा पर बिकने वाले लोग हैं, ये सब पैसा लेकर ही किसी का सम्मान करते हैं .
  • यह एक ढंग से इनके अहंकार का भी प्रदर्शन है. अहंकार की पैसे के बल पर भीड़ जुटा लेंगे, अहंकार की पैसे के बल पर स्वागत करवा लेंगे, अहंकार की पैसे के बल पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कुछ भी स्थापित कर देंगे. 
  • वास्तव में बड़े आयोजनों में पार्टी पैसा खर्च करती है, कार्यकर्ताओं को सभा स्थल तक लाने के लिए गाड़ी खाने का इंतजाम करती है और इसे भाजपा से ज्यादा अच्छे तरीके से कौन समझता होगा .

जवाब से प्रतीत होता है कि झारखण्ड की जनता बीजेपी को सीख देने पर आमादा

भानु प्रताप के ट्वीट पर आये हुए रिप्लाई को देख कर प्रतीत होता है कि झारखण्ड राज्य की स्थिति दूसरी हो चली है. जहां जनता बीजेपी को सीख देने पर आमादा है. वैसे भी झारखंडी परंपरा के अनुसार झारखण्ड वासी मदद के हाथ को कभी नहीं भूलती है. शायद इस मर्म को बीजेपी नेता नहीं समझते हैं. 

मसलन, सरकार ने जिनके लिए काम किया है वे वास्तव में धन्यवाद देने के लिए झारखण्ड के सुदूर कोने से चलकर मुख्यमंत्री आवास तक पहुँच रहे हैं. हाँ, सवाल किया जा सकता है कि, हेमन्त सोरेन इतनी तेजी से विभिन्न वर्गों के समस्याओं का समाधान क्यों कर रहे हैं? इससे वे राजनीतिक लाभ लेना चाह रहे हैं. परन्तु, इसमें क्या गलत है यदि कोई दल जन कार्य कर के वोट बैंक बना रहा है. वास्तव में राजनीतिक दल का यही तो वास्तविक परिभाषा है. जो काम करेगा जनता उसे सर पर उठाएगी ही. 

और भाजपा अगर वर्तमान स्थिति से इतनी दूर रहेगी, उसके बेलगाम नेता अंट-शंट बोलते रहेंगे तो उसे आने वाले चुनावों में और भी हानि हो सकती है. बहुत दिनों के बाद देश में ऐसा दिख है कि एक नेता की लड़ाई एक राजनीतिक पार्टी की लड़ाई राज्य की आम जनता एवं उसके कर्मचारी लड़ने को तैयार रहे हैं. कहीं इस विषय पर कर्मचारी संघ एवं आम जनता न्यायालय पहुँच गए तो शाही जी के लिए फजीहत बढ़ सकती है.

काश यह धन्यवाद ज्ञापन बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही भी ले पाते?

नागरिकों के हित के लिए जो काम करेगा उसकी जय जयकार होगी. विधायक जी आप पार्टी बदलते वक्त अपनी अंतरात्मा के आवाज को भी बदल लिए थे. आप भी वाशिंग मशीन से धुल गए लगता है. और अंत में राजपाल जी से लिफाफा खुलवा दो. हमारा मुख्यमंत्री और तेजी से काम करेगा. जलों नहीं.

झारखंडी जनता ने धन बल आधारित बीजेपी ट्रोल आर्मी को कर दिया चारों खाने चित 

चूंकि धन बाल के अभाव में आम तौर पे बीजेपी की ट्रौल आर्मी के सामने अन्य पार्टी के कार्यकर्ता टिक नहीं पाते हैं. किसी भी विषय पर जब BJP के नेता हमला करते हैं तो पूरे देश की उनकी ट्रौल आर्मी से उसे समर्थन मिलता है. परन्तु, हेमन्त सोरेन की सरकार के निर्णयों से खुश कर्मियों एवं सामान्य जनता ने आज झारखण्ड में बाजी पलट दी. और बीजेपी की ट्रोल आर्मी चारों खाने चित दिखी.

भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व तक को जरुर इस घटना से सबक मिलेगा. क्योंकि झामुमो का विरोध करने के क्रम में एक ढंग से बीजेपी ने उन सभी सरकारी कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कर्मियों, पुलिस कर्मियों, पारा शिक्षकों, सर्वजन पेंशन योजना से जिन्हें लाभ मिला है, जिन्हें CMEGP के तहत उद्योग लगाने के लिए मदद मिला है, 15 लाख परिवारों जिन्हें राज्य सरकार ने अपनी निधि से राशन कार्ड दिया सबको झूठा साबित करने का प्रयास किया है.

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व्यवस्था सुदृढीकरण में झारखण्ड के सभी डीसी के साथ सीएम की अहम बैठक 

September 20, 2022 by najhma Leave a Comment

व्यवस्था सुदृढीकरण में सीएम हेमन्त सोरेन का उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश – सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचाना सुनिश्चित करें. सरकार और ग्रामीणों के बीच संवाद का मॉडल बनाएं.

रांची : झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के शासनकाल में नियमित रूप से समीक्षा बैठक आयोजित हो रही है. इस कड़ी में सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव की उपस्थिति में राज्य के व्यवस्था सुदृढीकरण में सीएम की सभी उपायुक्तों के साथ 19 सितंबर 2022 को समीक्षा बैठक हुई. सीएम ने बैठक में सभी उपायुक्तों से स्पष्ट कहा कि राज्य के विकास को गति देने के साथ सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें. 

योजनाओं को धरातल पर उतारने में उपायुक्तों का अहम रोल

सीएम ने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतारने में उपायुक्तों का अहम रोल होता है. राज्य भर में विकास को गति देने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई है. सभी लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिले, इसमें सभी उपायुक्तों को पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा. इसी के साथ कई अन्य जरूरी निर्देश भी दिए गए. 

सुखाड़ से किसानों व मजदूरों को राहत देने हेतु गंभीरता से कार्य करें

वर्तमान परिस्थितियां राज्य मे सुखाड़ की ओर इशारा कर रही है. ऐसे में राज्य के ग्रामीण किसानों व मजदूरों का पलायन करने की संभावना बढ़ सकती है. इस निमित सरकार कई नई योजनाएं शुरू कर रही हैं. इन योजनाओं का ग्रामीणों को लाभ मिले, इसकी रूपरेखा तैयार करें. राज्य के मजदूरों उन्हीं के इलाकों में रोजगार देने की योजनाओं को गति दें. इसके अलावा सुखाड़ के मद्देनजर सरकार के निर्देशों का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें. 

संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व सचिव उपायुक्तों के साथ करेंगे नियमित बैठक 

सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य के संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व सचिव जिलों के उपायुक्तों के साथ नियमित बैठक करेंगे. बैठक का माध्यम ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही हो सकते हैं. विभागीय सचिव नियमित रूप से योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की जानकारी लेंगे ताकि योजनाओं की जमीनी हकीकत का समीक्षा करेंगे. 

व्यवस्था सुदृढीकरण समीक्षा – कुछ क्षेत्रों में उपलब्धि तो कुछ में गति देने की जरूरत 

जिलावर समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि हमने कुछ क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल की है तो कई जिले पीछे भी हैं. धीमी गति वाले जिलों में विकास कार्य में तेजी लाने के लिए सभी जरूरी ठोस कदम उठाए जाने चाहिये. साथ ही विषम परिस्थितियों भी आपका निर्णय राज्यवासियों को लाभ पहुंचाने वाला होना चाहिए. 

झारखण्ड के भौगोलिक परिवेश में उपायुक्तों के सामने योजनाओं को गति देने में कई चुनौतियां आती है. समय और परिस्थितियों के अनुकूल तत्काल निर्णय लेने होते हैं. ऐसे में सभी उपायुक्त सरकार और ग्रामीणों के बीच संवाद का मॉडल बनाएं. सरकार की योजनाओं को लेकर जिलों में वर्कशॉप का आयोजन करें. विभागीय सचिव क्षेत्र का भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन की गति का नियमित निरीक्षण करें. 

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BJP की राजनीति को झारखंडी माटी के लाल हेमन्त ने झारखण्ड में रसातल में पहुँचाया

September 10, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड में बाहरियों की बैशाखी पर खड़ी BJP की राजनीति को एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मात खानी पड़ी है. BJP की राजनीति को रसातल में जाने के मुख्य रूप से तीन कारण हैं…

रांची : झारखण्ड में बाहरियों की बैशाखी पर खड़ी BJP की राजनीति को एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मात खानी पड़ी है. BJP की राजनीत को रसातल में जाने के मुख्य रूप से तीन कारण हैं. पहला सांप्रदायिक राजनीति, दूसरा कॉर्पोरेटप्रस्त राजनीति और तीसरा मानुवाद मानसिकता से ग्रसित राजनीति. जो बीजेपी को न केवल झारखण्ड में बल्कि देश में पल-पल जनता से दूर कर रही है.

ज्ञात हो, झारखण्ड एक गरीब प्रदेश है और आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक व जाति व्यवस्था के तौर पर हमेशा से ही इस राज्य का दोहन हुआ है. यही कारण है कि इस क्षेत्र के सतह पर झारखण्ड आंदोलन समेत कई आंदोलन दिखे है. चूंकि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा एक आंदोलन से उपजी राजनीतिक पार्टी है और इसकी विचारधारा धर्मनिरपेक्ष के साथ मूल जन समस्या और झारखंडी मानसिकता का स्पष्ट वकालत करती है, इसके साथ जन जुड़ाव है. 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा ज्यों-ज्यों झारखण्ड मुक्ति मोर्चा दल की इस विचारधारा को झारखण्ड के धरातल पर कुशलता से उतारा उतार जाने लगा है. त्यों-त्यों, एक तरफ झारखण्ड की जनता राहत महसूस करने लगी है और दूसरी तरफ बीजेपी की राजनीति झारखण्ड की जमीन पर चित होने लगी है. मौजूदा व्यक्त में प्रदेश में भाजपा की राजनीति को सीएम द्वारा लगभग रसातल में पहुंचा दिया गया है. 

धन बाल से मजबूत BJP की राजनीति को पटकनी देना कतई आसान नहीं था 

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की सत्ता आते ही देश को कोरोना ने जकड़ लिया. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपनी कुशलता से प्रदेश को संकट से बाहर निकाला. लेकिन, बतौर मुख्यमंत्री हेमन्त को शेष कार्यकाल में लंबा सफर तय करना था. उन्होंने तेजी से अपने सधे कदम जन कल्याण की दिशा में बढ़ाया. लेकिन उनके सामने BJP की राजनीति रोड़ा बन खड़ी थी. नियोजन नीति के तरफ कदम बढ़ाने से हेमन्त सोरेन की मुश्किलें और बढ़ गई. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी आगे बढ़ने का सिलसिला जारी रखा. 

चूंकि झारखण्ड बीजेपी को यह भली भांति भान है कि हेमन्त सोरेन न केवल झारखंडी मूल मानुष के समस्याओं को दूर कर लेंगे, झारखण्ड को झारखंडी मानसिकता के अनुरूप नियोजन नीति भी समर्पित कर देंगे. ऐसे में उन पर केन्द्रीय शक्तियों के प्रभाव में भारत के संस्थानों के माध्यम से हमले की शुरुआत हुई. लेकिन मुख्यमंत्री इन सब रोडों की प्रवाह किए बिना जन पक्ष में फैसले लेते चले गए. और समस्याओं के स्थायी हाल निकलते रहे, यह सिलसिला अभी भी जारी है. 

सीएम हेमन्त के जुझारू व्यक्तिव से राज्य की जनता महसूस कर रही है राहत 

मुख्यमंत्री के जुझारू व्यक्तित्व से एक तरफ राज्य की जनता जहां राहत महसूस कर रही थी. तो दूसरी तरफ उनके दल के विधायकों, नेताओं व कार्यकर्ताओं में भी नई शक्ति का प्रसार हो रहा था. वह मजबूती से पार्टी की विचारधारा के साथ एक हो रहे थे. नतीजतन, जहां एक तरफ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के साथ जन जुड़ाव मजबूत हुए, तो दूसरी तरफ BJP की राजनीति रसातल में जाती दिखी. 

असोक साम्राट के प्रिय बुद्ध ने दुनिया को सिखाया था कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं. और सीएम हेमन्त ने केवल इस मानसिकता से ओत-प्रोत झारखण्ड मुक्ति मोर्चा दल की विचारधारा को धरातल पर कुशलता उतारना शुरू किया है. इस भावना के साथ जैसे-जैसे सीएम हेमन्त और आगे बढ़ेंगे झारखण्ड राज्य वैसे-वैसे सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ता जाएगा.

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