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Jharkhand News

सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि विस्तार के निर्णय से झारखण्ड खुश

September 5, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड में सहायक पुलिसकर्मियों ने सेवा अवधि विस्तार के सरकार के निर्णय पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का किया स्वागत, जताया आभार 

मुख्यमंत्री ने सहायक पुलिसकर्मियों से क्या कहा

  • आपके सुरक्षित और बेहतर भविष्य को लेकर सरकार गंभीरता से कर रही विचार 
  • अनुबंध व सीमित समय के लिए नियुक्तकर्मियों की सेवा शर्त नियमावली में अधिकारियों को सुझाव देने को दिए गए हैं निर्देश. 
  • नौजवानों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में बढ़ रही सरकार.

रांची : झारखण्ड में हेमन्त सरकार द्वारा सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि विस्तार का निर्णय लिया गया है. सरकार के इस फैसले से सहायक पुलिसकर्मियों में खुशी देखी जा रही है. उनके द्वारा मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत किया गया है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा सहायक पुलिसकर्मियों से कहे गए शब्द झारखण्ड के सुखद भविष्य की स्पष्ट तस्वीर पेश करती है. 

मुख्यमंत्री – राज्य की विधि व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए आप सहायक पुलिसकर्मियों को व्यवस्था से जोड़ा गया है. आपकी बहाली सीमित समय के लिए हुई थी. भर्ती व सेवा शर्त नियमावली के अनुसार आपकी सेवा अवधि समाप्त हो रही है. ऐसे में भविष्य को लेकर आपकी चिंता लाजिमी है. ऐसे में सरकार द्वारा एक साल का अवधि विस्तार देकर आपको तात्कालिक राहत दिया है. 

भर्ती और सेवा शर्त नियमावली में अधिकारियों को सुझाव देने के निर्देश. 

लेकिन, भविष्य में आप सहायक पुलिसकर्मियों सेवा अवधि को विस्तार देने की जरूरत नहीं पड़े. इसकी चिंता राज्य सरकार को है और इस दिशा में सरकार विचार कर रही है, गंभीरता से कार्य कर रही है. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को सेवा शर्त  नियमावली में सुझाव देने हेतु निर्देश दिया गया है. ताकि सरकार आने वाले दिनों में ठोस निर्णय ले सके.  मैं आशान्वित हूं कि आपका भविष्य बेहतर होगा.

नौजवानों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में बढ़ रही सरकार

मुख्यमंत्री – राज्य के हर नौजवान को रोजगार की उम्मीद होती है. इस दिशा में भी सरकार भी राज्य के युवाओं के बेहतर भविष्य को लेकर गंभीर है. आपको रोजगार से जोड़ने के लिए लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. नौजवानों का भविष्य बेहतर हो. आने वाले दिनों में वे लगातार अपने सुखद भविष्य की दिशा में आगे बढ़ें.  इसी सोच के साथ सरकार कार्य कर रही है और नीतियाँ धरातल पर उतारने का प्रयास कर रही है.

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झारखण्ड : मंत्रिपरिषद बैठक के निर्णय व प्रस्ताव स्वीकृति

September 2, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : 01 सितंबर 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और प्रस्तावों को स्वीकृति मिली. जो राज्य की जनता और कर्मचारी वर्ग को प्रभावित करती है. जो लेख में पढ़ जा सकता है.

मंत्रिपरिषद बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय व स्वीकृति

  • झारखण्ड पंचायत सचिव (नियुक्ति, सेवाशर्त्त एवं कर्त्तव्य) नियमावली (संशोधित), 2014 को शिथिल करते हुए ग्राम रक्षा दल के दलपतियों को पंचायत सचिव पद पर नियुक्ति की स्वीकृति दी गई.
  • अवमाननावाद संख्या-202/2019 दयाशंकर प्रसाद कर्ण बनाम झारखण्ड सरकार एवं अन्य में दिनांक-01.10.2021 को पारित आदेश के विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर Special Leave Petition No.- 11889/22 में दिनांक-18.07.2022 को पारित आदेश के अनुपालन में निर्गत विभागीय संकल्प संख्या-1729, दिनांक-22.08.2022 के घटनोत्तर स्वीकृति दी गई.
  • झारखण्ड राज्य अंगुलांग सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शर्त्तों) नियमावली-2022 के गठन करने की स्वीकृति दी गई. 
  •  झारखण्ड राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत लक्षित जन वितरण प्रणाली के तहत् राज्य के सभी 24 जिलों में Fortified Rice वितरण करने हेतु “Rice Fortification Scheme” लागू करने की स्वीकृति दी गई.
  •  अधिग्रहित फरक्का-ललमटिया ट्रांसमिशन सिस्टम के पुर्नस्थापित हेतु प्रशासनिक स्वीकृति के उपरांत ट्रांसमिशन लाईन के निर्माण कार्य में निविदा निस्तारण हेतु 10% की अधिसीमा के शिथिलिकरण की स्वीकृति दी गई.
  • झारखण्ड राज्य के गठन (बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000) के पश्चात् झारखण्ड राज्य के भौगोलिक सीमा में अवस्थित चाण्डिल लघु जल विद्युत परियोजना (जिला-सरायकेला-खरसावाँ) एवं तेनुबोकारो लघु जल विद्युत परियोजना (जिला-बोकारो)  को As is where is के आधार पर ज्रेडा द्वारा पी.पी.पी मोड पर संचालन करने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई. 
  •  400 के.वी.डबल सर्किट क्वाड 3 फेज मूज कन्डक्टर पी.भी.यू.एन.एल.-पतरातू संचरण लाईन एवं दो अदद् 400 के.वी. लाईन बे के निर्माण कार्य में निविदा निस्तारण हेतु 10% की अधिसीमा के शिथिलिकरण की स्वीकृति दी गई.
  •  मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत् प्रभावित सुपात्र व्यक्तियों की चिकित्सा हेतु विभागीय स्तर से चिकित्सा सहायता अनुदान की राशि 5.00 लाख रू. को बढ़ाकर 10.00 लाख रू. करने एवं पूर्व से स्वीकृत असाध्य रोगों की सूची में अन्य असाध्य रोगों को सूचीबद्ध करने की स्वीकृति दी गई.
  •   लातेहार जिलान्तर्गत “लातेहार से हेरहंज भाया नवादा पथ (कुल लंबाई-28.7 कि.मी.) के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य (भू-अर्जन सहित)“ हेतु रू. 79,49,91,400/- (उनासी करोड़ उनचास लाख इक्यानवे हजार चार सौ) मात्र का पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई.
  •  विश्व बैंक संपोषित झारखंड पावर सिस्टम इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड एवं झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के लिए स्वीकृत राशि को रिस्ट्रक्चर करने की स्वीकृति दी गई.
  •  नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय, मेदिनीनगर पलामू के अंतर्गत नवस्थापित डिग्री महाविद्यालय में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पदों का सृजन तथा महाविद्यालयों में संकाय की स्वीकृति दी गई.
  •   मोटरयान (यान स्क्रेपिंग सुविधा का रजिस्ट्रेशन और कार्य) नियम, 2021 के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई.
  •  माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद WPS No. 3387/2011, शंकर कुमार बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य एवं अपीलवाद LPA No. 135/2021, झारखण्ड राज्य एवं अन्य बनाम शंकर कुमार तथा उक्त से उद्भूत अवमाननावाद Cont Case (Civil) No. 448/2021 में पारित आदेशों के अनुपालन हेतु स्व. बसंत प्रसाद, भूतपूर्व लिपिक, आदित्यपुर अंचल, जमशेदपुर की सेवा को सशर्त नियमित किये जाने सहित उनके पुत्र श्री शंकर कुमार को अनुकम्पा के आधार पर सशर्त नियुक्त किये जाने के की स्वीकृति दी गई.
  •  केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में किए गए संशोधनों के आलोक में झारखण्ड माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में प्रस्तावित संशोधनों से संबंधित झारखण्ड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2022 के झारखण्ड विधान सभा के मॉनसून सत्र में पुरःस्थापन पर मंत्रिपरिषद की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई.
  •  पूर्व से संचालित जन वितरण प्रणाली कम्प्यूटरीकरण ( End-to-end Computerization of TPDS) योजना को राज्य योजनान्तर्गत कम्प्यूटराईजेशन योजना के कार्यान्वयन हेतु अनुमानित वार्षिक लागत रूपये 50.00 (पचास) करोड़ मात्र पर योजना की स्वीकृति एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में उपबंधित राशि रूपये 50.00 करोड़ (पचास करोड़ रूपये) मात्र की स्वीकृति दी गई.
  •  भारत सरकार की योजना Revamped Distribution Sector Scheme (RDSS) हेतु पी०एफ०सी० से स्वीकृति के उपरांत संशोधित प्राक्कलित राशि रू० 4120.29 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति तथा इस योजना के तहत् पी०एफ०सी०, राज्य सरकार एवं झारखण्ड बिजली वितरण निगम लि0 के बीच त्रिपक्षीय एकरारनामा हस्ताक्षरित करने की स्वीकृति दी गई.
  •  राज्य योजना अन्तर्गत संचालित 89 मॉडल विद्यालयो में छात्रों के खाली रह गये सीटों पर नामांकन हेतु प्रतीक्षा सूची तैयार करते हुए प्रतीक्षा सूची में से नामांकन करने तथा विद्यालय प्रबंधन समिति एवं जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा योग्य छात्रों का नाम नामांकन हेतु अनुशंसित कर भरे जाने की स्वीकृति दी गई.
  •  स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत पारा मेडिकल कर्मियों (यथा-परिचारिका ग्रेड ‘ए’, ए०एन०एम०, फार्मासिस्ट, प्रयोगशाला प्रावैधिक, एक्स-रे तकनीशियन) की नियुक्ति नियमावली, 2018 में संशोधन की स्वीकृति दी गई.
  •  प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद एवं प्राचीन कला केन्द्र, चण्डीगढ़ द्वारा संगीत विषय में प्रदत्त उपाधि की मान्यता प्रदान करते हुये W.P. (S) No.1620/2020 एवं संलग्न अन्य वादों के क्रम में दायर I.A No. 4881/2020 में दिनांक 23.06.2021 को पारित आदेश के अनुपालन में वादीगण (संगीत शिक्षक) को वेतन भुगतान की स्वीकृति दी गई.
  •  मंत्रिपरिषद् की दिनांक 24.08.2022 को आहूत बैठक में मद संख्या-25 के रूप में विचारित एवं स्वीकृत, पंचम झारखण्ड विधान सभा का नवम (मानसून) सत्र (दिनांक 29.07.2022 से 04.08.2022 तक) के सत्रावसान के प्रस्ताव को स्थगित करने के संबंध में स्वीकृति दी गई.
  •  पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की स्वीकृति दी गई.
  •  सहायक पुलिस कर्मियों के सेवा अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई.
  •  राज्य के VIPs/VVIPs की राज्य से बाहर की सरकारी यात्रा हेतु दिनांक-31.08. 2022 के प्रभाव से एक माह के लिए Fixed Wing Jet Charter विमान की सेवा मनोनयन के आधार पर प्राप्त करने हेतु मंत्रिपरिषद की स्वीकृति दी गई. 
  •  रिम्स रांची अंतर्गत चतुर्थवर्गीय पदों पर बाह्यस्रोतीय माध्यम से सेवा प्राप्त करने की स्वीकृति दी गई.

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Hemant Soren : मेरी दिल्लगी कुर्सी नहीं राज्य की सवा तीन करोड़ जनता है

August 30, 2022 by najhma Leave a Comment

हेमन्त सोरेन : जिस देश का केंद्र सरकार राज्य सरकारों से लड़ाई कर वहाँ की लोकतांत्रिक, चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश कर रहा हो. उस देश का भविष्य क्या हो सकता है अंदाज लगाया सकता है. 

रांची : पत्रकारों के सवाल पर झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा देश की एक गंभीर परिस्थिति पर चिंता जतायी गई. उनके द्वारा स्पष्ट कहा गया कि जिस देश का केंद्र सरकार राज्य सरकारों से लड़ाई कर रहा हो, वहाँ की लोकतांत्रिक, चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश कर रहा हो. उस देश का भविष्य क्या हो सकता है इस तथ्य का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसे में मुझे चिंता नहीं क्योंकि मेरी दिल्लगी कुर्सी नहीं राज्य की जनता है.

जाहिर है ऐसी परिस्थिति में कोई राज्य विकास पथ पर आगे कैसे बढ़ सकता है. और जब राज्य ही आर्थिक-सामाजिक तौर पर आगे नहीं बढ़ेगा तो देश का विकास कैसे संभव हो सकता है. और वह भी उस नाजुक परिस्थिति में जब देश की अर्थव्यवस्था कोरोना समेत अन्य केन्द्रीय नीतियों के अक्स में ऐतिहासिक निचली स्तर हो और देश की बेरोजगार जनता ऐतिहासिक महँगाई की मार से त्रस्त हो.  

व्यापारी वर्ग का काम ही खरीद-विक्री करना होता है – Hemant Soren

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उन्हें दिल्लगी कुर्सी से नहीं बल्कि राज्य की सवा तीन करोड़ जनता से है. क्योंकि देश में व्यापारी वर्ग का शासन है. व्यापारी वर्ग का काम ही खरीद-विक्री करना होता है. जो स्पष्ट रूप से देश भर दिख रहा है और आगे भी दिखेगा. स्थिति यह है कि अब कुछ विधायक खुद ही बिकने को तैयार हैं. जो पकड़ा गए वह विलयन और जो नहीं पकड़ाए उनकी बल्ले-बल्ले. लेकिन हर किसी का किस्मत शिंदे जैसा नहीं होता. ऐसे में, मैं चिंतित नहीं हूँ क्योंकि मुझे कुर्सी से दिल्लगी नहीं राज्य की एससी-एसटी-ओबीसी समेत सभी सवा तीन सवा तीन करोड़ जनता से है.

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भाजपा के लिए झारखण्ड बना अभेद किला – बीजेपी के बड़बोले नेता हुए बेअसर

August 26, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : हेमन्त सोरेन की मुसीबतों से हार न मानने की अदा की जनता को भा गई है. तभी तो तमाम अटकलों के बीच एक तरफ ढोल-नगाड़े से तो दूसरी तरफ ट्विटर पर #हमाराहेमंतहमारी_हिम्मत ट्रेंड करा झारखण्ड वासियों ने उनका स्वागत किया.

रांची : झारखण्ड में एक तरफ झारखण्ड भाजपा के नेता के मन में लड्डू फुट रहा था कि सरकार गिर रही है. तो वहीं दूसरी तरफ राज्य की पुलिस संघ ढोल-नगाड़े के साथ मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का आभार व्यक्त कर थी. ऐसे में राज्य की जनता कैसे पीछे रहती, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के समर्थन में सुबह से ही ट्विटर पर #हमाराहेमंतहमारी_हिम्मत ट्रेंड करने लगा. उनके समर्थकों ने ट्विटर स्लोगनों की झड़ी लगा दी. मसलन, भाजपा के बड़बोले नेताओं के हथकंडों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के और लोकप्रिय जननेता बना दिया हैं. और भाजपा के लिए झारखण्ड अभेद किला बन चुका है.

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के सारे विधायक, नेता व कार्यकर्ता जनता से संवाद कायम करने हेतु अपने स्तर पर मैदान में कूद पड़े हैं. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के सिपाहियों की आपस की बान्डिंग और मजबूत हुई चली है. मुख्यमंत्री का परिस्थितियों से हार ना मानने की अदा झारखण्ड वासियों को भा गई है. जाहिर है जो मुसीबतों के सामने हार न माने बल्कि उससे टकराते हुए जीत का रास्ता तलाशे. ऐसे गुण पर किसे अभिमान न होगा. मसलन, झारखण्ड की जनता ने समझ लिया है कि जो नेता अपनी विचारधारा पर अडिग खड़े रहते हुए, जन लड़ाई लड़ने का जज्बा दिखाए वही में झारखण्ड को आगे लेकर जा सकता है. मसलन, भाजपा के सारे बड़बोले नेता बेअसर दिख रहे हैं और भाजपा के लिए अभेद किला बन गया है.

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संवैधानिक संस्थानों को खरीद लोगे, जन-मन समर्थन कैसे खरीदोगे -सीएम हेमन्त 

August 25, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : सरकार के निर्णय से महिला पुलिसकर्मियों में दिखी अधिक खुशी. सीएम ने कहा हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों, कर्मचारियों व यहाँ की जनता का स्नेह और समर्थन ही मेरी ताकत है. और हम बिना झुके इसी हौसले के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं.

रांची : जनता हो या कर्मचारी सभी समाज के अभिन्न अंग होते हैं. जब उन्हें उनका अधिकार मिलता है तो खुशी न केवल उनके चेहरे पर दिखती, उनकी कार्य क्षमता में भी स्वतः वृद्धि के रूप में दिखती है. और यह वृद्धि दर समाज और देश को विकास पथ पर आगे लेकर जाता है. ज्ञात हो, झारखण्ड में मौजूद सीएम हेमन्त सोरेन की नेतृत्व वाली सरकार में सिलसिलेवार तरीके से हर वर्गों की लंबित समस्याओं का स्थायी हल निकाल जा रहा है. इस कड़ी में राज्य के पुलिसकर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन और 20 दिन का CPL छुट्टी देने के निर्णय भी हेमन्त सरकार में लिया गया है. 

राज्य सरकार के इस निर्णय से राज्य के पुलिसकर्मियों में भारी खुशी देखी जा रही है. ढोल-नगाड़े के साथ राज्य के पुलिसकर्मी जश्न मना रहे हैं. क्षतिपूर्ति अवकाश को पूर्व की भांति लागू करने के लिए झारखण्ड पुलिस मेंस एसोसिएशन के बैनर तले 70 हजार पुलिसकर्मियों की ओर से सीएम हेमन्त सोरेन को उनके आवास पर धन्यवाद दिया गया.

महिला पुलिसकर्मियों में दिखी अधिक खुशी 

राज्य की महिला पुलिसकर्मियों में सरकार के इस निर्णय का सबसे अधिक खुशी देखी गई. क्योंकि वह वीरांगना के साथ कुशल ग्रहणी हैं. उनका कहना है कि छुट्टी की किल्लत से उन्हें घर संभालने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. अब हेमन्त सरकार के फैसले ने उनके गृहस्थ जीवन को आसान बनाया है. महिला पुलिसकर्मियों ने भी बजते ढोल नगाड़े के बीच एक दूसरे अबीर-गुलाल लगा कर खुशी मनायी. 

पुलिसकर्मियों के आभार जताने से मैं अभिभूत हूं – सीएम हेमन्त सोरेन

सरकार की तरफ से क्षति पूर्ति अवकाश मिलने पर खुश पुलिसकर्मी से मुख्यमंत्री ने मिलकर उनकी सम्मान को ग्रहण किया. साथ ही कहा कि, ‘पुलिसकर्मियों के आभार जताने से मैं अभिभूत हूं’ इस दौरान सदस्यता रद्द करने की खबर को लेकर पत्रकारों के सवाल पर सीएम ने विपक्षीय साजिश पर तंज कसते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जन-मन समर्थन कैसे खरीदेंगे? झारखण्ड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों व कर्मचारियों का स्नेह और यहाँ की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है. और हम बिना झुके इसी हौसले के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं.

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झारखण्ड खेल नीति 2021 – युवाओं के भविष्य को लेकर एक और बड़ी लकीर

August 23, 2022 by najhma Leave a Comment

हेमन्त सरकार की झारखण्ड खेल नीति – 2021 झारखंडी खिलाड़ियों व युवाओं के जख्मी सपनों को मरहम लगाते हुए नयी उड़ान देने को तैयार 

जयपाल सिंह मुंडा। महेंद्र सिंह धोनी। सावित्री पूर्ति पहली अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी। जिनकी खींची लकीर झारखंड में कभी छोटी नहीं पड़ी। समराय टेटे। विमल लकड़ा। सलीमा टेटे। निक्की प्रधान। ब्यूटी डुंगडुंग। अंसुता लकड़ा। मारिता तिर्की। पुष्पा प्रधान। सुभद्रा प्रधान। संगीता कुमारी। सुषमा कुमारी। वरुण एरोन। विराट सिंह। इशान किशन। कौशल सिंह। विनायक विक्रम। संजीव कुमार सिंह। झानो हांसदा। दीपिका कुमारी। कोमालिका बारी। अंकिता भकत। दीप सेनगुप्ता। नामों की लम्बी फेहरिस्त…। व 34वें राष्ट्रीय खेल में कुल 96 पदक। झारखंड में खेल और खिलाड़ियों के मायने समझने के लिए काफी हो सकते हैं।

यह झारखंडी मिट्टी बिना ठोस खेल नीति के चमकते हीरों का उस को सच लिए है। जिसके अक्स में न जाने कितनी प्रतिभाओं ने संसाधन के अभाव में दम तोड़ दिए। तो जरा कल्पना कीजिये इतिहास के पन्नों को कोई पलटेगा तो तमाम सरकारों को कैसे याद करेगा। खासकर भाजपा की पिछली रघुवर सत्ता को। जहाँ खिलाड़ी विकास को ब्रांड एम्बेसडर के विशेषण से जोड़ा गया। खेल अकादमी, खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए पेंशन। 15 नवंबर 2017 तक झारखंड खेल नीति लागू करने के वादे। लेकिन, धरातल पर तमाम वादों का आखिरी सच त्रासदी ही रहे!

तमाम परिस्थितियों के बीच, यदि हेमंत सरकार की खेल नीति बालक-बालिका। किशोर-किशोरी। युवा व तमाम आयु वर्ग। के नागरिकों के जीवन में अभिन्न हिस्सा बन उसके जीवन-दिनचर्या से सरोकार बनाते हुए “स्वस्थ झारखण्ड-खुशहाल झारखण्ड के सपने से जा जुड़े। संसाधन व गुणवत्ता के अभिवृद्धि के अक्स में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को शिखर तक पहुंचाने में प्रशिक्षकों को सहूलियत हो। राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के शीर्ष पर खिलाड़ियों को पहुँचाने का माद्दा रखे। साथ ही राजस्व व रोजगार सृजन के सच जा जुड़े। तो निश्चित रूप से झारखण्ड खेल नीति – 2021 किसी भी मायने में सरकार की खींची बड़ी लकीर मानी जा सकती है।   

झारखण्ड खेल नीति – 2021 –  11 मुख्य उद्देश्य

  1. तमाम उम्र के नागरिकों के लिए पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक खेलकूद एवं शारीरिक गतिविधियों के लिए वातावरण निर्माण, आवश्यक संसाधन-सुविधाएँ एवं समान अवसर उपलब्ध करवाना।
  2. खेल प्रतिभाओं की पहचान कर बालक-बालिकाओं के अन्दर छिपी प्रतिभाओं को निखारने हेतु हर सुविधा-संसाधन उपलब्ध करवाना।
  3. खेल के हर विधा में अंतरराष्ट्रीय क्षमता-मानक प्राप्ति की दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील रहना। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु खिलाड़ियों को श्रेष्ठतम प्रशिक्षण के साथ-साथ आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करवाना।
  4. दिव्यांग खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने हेतु सुविधाएँ, संसाधन उपलब्ध करवाने, पुरस्कार – सम्मान, खेल छात्रवृत्ति आदि के अवसर उपलब्ध करवाना।
  5. सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में प्रथम कक्षा से ही ’खेल’ को एक विषय के तौर पर सम्मिलित करना।
  6. अन्तर विद्यालय/अन्तर महाविद्यालय/अन्तर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं का नियमित आयोजन से खेल वातावरण का निर्माण करना।
  7. खेल को सामाजिक परिवर्तन और विकास के लिए एक महान उत्प्रेरक के रूप में स्थापित करना।
  8. एक समेकित प्रणाली, जिसमें खेल विकास योजनाएँ, सु-परिभाषित प्रोत्साहन योजनाएँ एवं खिलाड़ी/प्रशिक्षक कल्याण कार्यक्रम शामिल हों, के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा ’खेल’ को एक आकर्षक एवं व्यवहार्य  कैरियर विकल्प के रूप में स्थापित करना।
  9. ‘खेलकूद’ को व्यापकता एवं विस्तार प्रदान करने हेतु ग्रामीण खेल केन्द्रों को सुदृढ़ करने का प्रयास करना।
  10. खेल को ‘उद्योग’ का दर्जा देकर खेल और खिलाड़ियों को समग्र सहायता प्रदान करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ाना।
  11. देशज एवं पारंपरिक खेलों तथा खेल पर्यटन को प्रोत्साहन देना।

झारखण्ड खेल नीति – 2021 के 5 आयाम 

  1. खेल संस्कृति 
  2. खेलकूद क्षमता
  3. जीवन कौशल, शिक्षा एवं प्रोत्साहन
  4. खेल उद्योग
  5. खेल संरचना

झारखण्ड खेल नीति – 2021 करगा खेल संस्कृति का निर्माण

Sustainable Development Goals (SDGs) के अंतर्गत Sports for Development के से जुड़ाव रखते हुए खेल के समग्र विकास को आत्मसात करते हुए Holistic Sports Ecosystem का विकास। झारखण्ड ओलंपिक संघ एवं विभिन्न मान्यता प्राप्त खेल संघों का सहयोग लिया जाएगा। जिससे खेल एवं शारीरिक गतिविधियों के प्रति जागरूकता में वृद्धि होगी जो जनमानस  के स्वास्थ्य में निरन्तर सुधार का मजबूत नींव रखेगा।

खेल संस्कृति विकसित हेतु विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन। खेल मैदानों का समुचित उपयोग हेतु ‘पे एंड प्ले’ प्रणाली को सुचारू रूप से चलाया जाएगा। प्रत्येक वर्ष विद्यालयों में खेल उत्सव का आयोजन किया जाएगा जहाँ उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष में एक सप्ताह को खेल सप्ताह के रूप में मनाने जायेगा। जहाँ प्रेरणादायक के प्रतीक के रूप में खिलाड़ियों को सम्मानित, उत्कृष्ट खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के अनुभवों का साझाकरण, खेल पर चर्चा, प्रदर्शनी मैच, आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

खेल नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु उठाये जाने वाले कदम 

पूरे राज्य में खेल नीति के प्रभावी कार्यान्वयन, खेल से जुड़े योजनाओं के कार्यान्वयन, वर्तमान योजनाओं में सुधार आदि की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन होगा। वर्ष में समिति की त्रैमासिक बैठकें आयोजित की जायेगी। समिति के सदस्य निम्नवत् हैं :-

1माननीय मुख्यमंत्री, झारखण्ड सरकारअध्यक्ष
2माननीय मंत्री,  खेलकूद एवं युवाकार्य विभागउपाध्यक्ष
3मुख्य सचिव, झारखण्ड सरकारसदस्य
4माननीय विधायक (संख्या 2)माननीय मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर
5सचिव, पर्यटन, कला- संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभागसदस्य सचिव
6सचिव, योजना – सह- वित्त विभागसदस्य

सिदो-कान्हू युवा खेल क्लब स्थापना व देशज एवं पारम्परिक खेलों को प्रोत्साहन

खेल संस्कृति सुदृढ़ करने के लिए राज्य के प्रत्येक गाँव में सिदो-कान्हू युवा खेल क्लब की स्थापना की जायेगी। जो प्रत्येक वर्ष खेल विकास एवं रख-रखाव के लिए 25 हज़ार रुपए सहायता राशि संचालित होगी। जो बच्चों व युवाओं में संगठित रूप से खेल प्रतिभा निखारने का अवसर प्रदान करेगा। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में परम्परागत रूप से ग्रामीण बालक/बालिकाओं द्वारा खेले जाने वाले खेलों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।  

खेल पर्यटन (स्पोर्ट्स टूरिज्म)

खेल नीति खेल पर्यटन के क्षेत्र में भी वैश्विक तथा राष्ट्रीय स्तर पर तीव्र गति से बढ़ने वाले बाजार को भी केन्द्रित कर बनाया गया है। चूँकि झारखण्ड में प्राकृतिक संसाधनों की असीम उपलब्धता हैं। यहाँ के सुंदर परिदृश्य, घने जंगल, पठार और बनावट; एडवेंचर खेल जैसे रॉक क्लाइमिंग, हाइकिंग, ट्रेकिंग, कैम्पिंग, पैरासेलिंग, कयाकिंग एवं अन्य वाटर स्पोर्ट्स  के लिए उपयुक्त जगह है। अतः राज्य में स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ावा देकर देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर राजस्व बढ़ाने के प्रयास करेगा। स्पोर्ट्स टूरिज्म से जहाँ खेल और खिलाड़ियों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। वहीं रोजगार के भी अवसर का सृजन करेगा।

खेलकूद क्षमता

झारखण्ड में खेल और लोग, एक दूसरे के पर्याय हैं। यहाँ के हर लोग, हर घर किसी न किसी खेल से जुड़े हैं। खेल और खिलाड़ियों और खेल विधा से जुड़े लोगों को पहचान मिले, सम्मान मिले, इसके लिए रणनीति के तहत बुनियादी ढ़ांचे एवं खेल सुविधाओं को उन्नत करने की व्यवस्था के प्रावधान हैं।

एथलेटिक्स। हॉकी। तीरंदाजी। फुटबॉल। बैडमिंटन। कुश्ती। साइकिलिंग। कबड्डी। वुशू। वॉलीबॉल। दिव्यांग खेल। ताइक्वांडो। निशानेबाज़ी। तैराकी। भारोत्तोलन। खो-खो। शतरंज। मुक्केबाज़ी। लॉन बॉल। जिम्नास्टिक। हैंड्बॉल। लॉन टेनिस। टेबल टेनिस। क्रिकेट। बास्केटबॉल। कुश्ती अन्य वैसे, सभी खेल जो ओलंपिक/एशियाड/ कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल है, झारखंड के लोगों का हिस्सा है। 

झारखण्ड खेल नीति – 2021 में जीवन कौशल, शिक्षा एवं प्रोत्साहन

खेल का शिक्षा के साथ जुड़ाव के अंतगत –

  • सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों हर स्तर के पाठ्यक्रम में शारीरिक शिक्षा एवं खेल को अनिवार्य बनाया जाएगा।
  • विद्यालय परिसर में ही प्रतिभाशाली बच्चे/बच्चियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी में परिवर्तित करने हेतु विशेष प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया की जायेगी।
  • खेल विभाग और स्कूली शिक्षा विभाग वार्षिक खेल कैलेंडर तथा शैक्षणिक कैलेंडर का समन्वय से बिना शिक्षा बाधित हुए खेल प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी भाग ले सकेंगे।
  • उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग सभी संबद्ध निजी और सरकारी महाविद्यालयों में खेल सुविधाओं की स्थापना एवं खेल को पाठ्यक्रम का एक अभिन्न हिस्सा बनाना सुनिश्चित करेगी।
  • विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से शारीरिक प्रशिक्षक की नियुक्ति शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगी।
  • प्रत्येक वर्ष अन्तर विद्यालय/ अन्तर महाविद्यालय/ अन्तर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं का नियमित आयोजन कर खेल विकास वातावरण निर्माण किया जायेगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर खेलने वाले प्रतिभाशाली स्कूली खिलाड़ियों की शिक्षा बाधित न हो। इसके लिए राज्य बोर्ड में पढ़ने वाले ऐसे खिलाड़ियों को किसी भी विषय में 15% ग्रेस अंक के (अधिकतम 95%), प्रावधान शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगा।
    • शिक्षा विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर खेलने वाले प्रतिभाशाली स्कूली खिलाड़ियों को उपस्थिति में छूट दी जाएगी।
    • राज्य, जिला एवं प्रखंड स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालय को प्रत्येक वर्ष 50 हज़ार, 30 हज़ार और 20 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

खेल प्रतिभा खोज

खेल निदेशालय, झारखण्ड सरकार एवं झारखण्ड खेल प्राधिकरण (साझा) व ज़िला खेल पदाधिकारियों के सहयोग से खेलों को बढ़ावा दिया जायेगा। विभाग एवं साझा द्वारा प्रतियोगिता का आयोजन कर खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों में भेजा जायेगा। जिसे वे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकेंगे। पंचायत अथवा ग्रामीण स्तर पर प्रतिवर्ष खेल प्रतिभाओं की खोज के लिए टैलेंट हंट कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रखंड अथवा ज़िला खेल केंद्रों में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

  • राज्य के प्रत्येक पंचायत में एक सुव्यवस्थित खेल मैदान का निर्माण किया जाएगा जिससे प्रशिक्षक भी रहेंगे। 
  •  प्रखंड स्तर पर मिनी स्टेडियम की व्यवस्था से लैस डे-बोर्डिंग या क्रीड़ा किसलय केंद्र की स्थापना 
  • डे-बोर्डिंग एवं क्रीड़ा किसलय केंद्र वहाँ अवस्थित आदर्श विद्यालय अथवा अन्य उत्कृष्ट विद्यालाय के साथ सम्बन्धित होगा।
  • टैलेंट हंट में योग्यता के आधार पर चयनित खिलाड़ियों को डे-बोर्डिंग एवं क्रीड़ा किसलय केंद्र में प्रशिक्षण के साथ उक्त विद्यालय में शिक्षा हेतु निबंधित किया जायेगा।
  • इन केन्द्रों में विभिन्न आयुवर्ग में प्रति वर्ष अंतर विद्यालयीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

 जिला / आवासीय खेल विकास केंद्र 

  • प्रत्येक जिला में आवासीय खेल परिसर का निर्माण होगा। प्रथम प्राथमिकता वहां अवस्थित स्टेडियम को दिया जाएगा।
  • वर्तमान में साझा खेल केंद्र एवं आवासीय क्रीड़ा प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से इसे आगे बढ़ाया जायेगा। और ज़िला स्तर पर खेलो इंडिया केंद्र के माध्यम से भी इसे बढ़ाया जायेगा।
  • जिले के विभिन्न प्रखंडों से चुने गए प्रतिभावान खिलाड़ियों के आवासन, एवं प्रशिक्षण की यहाँ व्यवस्था होगी।
  • प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र में 100 प्रतिभागियों के आवासन की व्यवस्था की जाएगी।
  • इन खेल विकास केन्द्रों में रह कर पढ़ाई कर रहे बच्चों के पढ़ाई की व्यवस्था सम्बंधित जिला स्कूल/आदर्श विद्यालय में की जाएगी।
  • जिला खेल विकास केन्द्रों में विभिन्न आयुवर्ग में प्रति वर्ष जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

 एकलव्य खेल अकादमी (सेंटर आफ़ एक्सलेन्स)

  • प्रमंडल स्तर पर एकलव्य खेल अकादमी के नाम से ‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ की स्थापना।
  • इन केंद्रों पर आवासीय प्रशिक्षण की विश्वस्तरीय व्यवस्था की जाएगी।
  • विभिन्न स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताएं के माध्यम से चयनित उत्कृष्ट खिलाड़ियों को यहाँ प्रशिक्षण दिया जायेगा।
  •  प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र में 100-150 प्रतिभागियों के आवास की व्यवस्था की जाएगी। 
  • खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने हेतु उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।
  • प्रत्येक खेल अकादमी में 3-4 खेलों से सम्बंधित खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी।
  • खेल अकादमी उत्कृष्टता की स्थापना के लिए विभिन्न राज्यों की अकादमी, राष्ट्रीय अकादमी एवं राष्ट्रीय खेल महासंघों से सहयोगात्मक सम्बन्ध स्थापित करेगी।
  • इन खेल विकास केन्द्रों में रह कर पढ़ाई कर रहे बच्चों के पढ़ाई की व्यवस्था सम्बंधित उत्कृष्ट जिला स्कूल/आदर्श विद्यालय/गर्ल्स स्कूल में की जाएगी।

 खेल विश्वविद्यालय

खेल विज्ञान की भूमिका खिलाड़ी की उपलब्धि में एक महत्तवपूर्ण होती है। तथा खिलाड़ियों को प्रतियोगी उम्र के बाद जीविकोपार्जन में मदद करती है। इसके लिए राज्य में खेल विश्वविद्यालय की की स्थापना होगी। होटवार स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, खेल गाँव परिसर को उपयोग में लाया जाएगा। खेल विश्वविद्यालय खेल के विकास, विशेष कौशल का प्रशिक्षण तथा खेल विकास के लिए आवश्यक शोध में अहम भूमिका अदा करेगी।विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम तकनीकी विशेषज्ञ, अंपायर, रेफरी आदि का भी प्रशिक्षण देगा। जो रोजगार प्राप्त करने के दिशा में कारगर उपाय साबित होगा। Jharkhand Sports University Act बनाकर विश्वविद्यालय को संचालित किया जायेगा।

खिलाड़ियों को प्रोत्साहन

खेल – एक बेहतर वैकल्पिक कैरियर साबित हो इसके लिए खेल नीति में नौकरी से लेकर पेन्शन तक विभिन्न प्रावधानों से जोड़ा गया है। सीधी नियुक्ति, नियमित खेल छात्रवृत्ति, खिलाड़ियों को पुरस्कार-सम्मान, खिलाड़ी कल्याण कोष, ‘लाड़ी बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, अतिरिक्त वार्षिक वेतन, उत्कृष्ट खेल संस्थान/प्रशिक्षण केन्द्र को खेल संरचना एवं खेल उपकरण की उपलब्धता हेतु प्रोत्साहन, खिलाड़ी पेंशन योजना’ व नौकरी एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण जैसे प्रावधान भी हैं।

झारखण्ड खेल नीति – 2021 के तहत खेल उद्योग की लकीर

खेल को ‘उद्योग’ का दर्ज़ा जहाँ खेल-खिलाड़ियों को अवसर उपलब्ध कराता है वहीं राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन के गतिविधियों को बढ़ाएगा। राज्य में खेल के विकास के लिए जहाँ झारखण्ड सरकार बजट में वृद्धि करेगी, वहीं निजी क्षेत्र की सहभागिता के लिए पीपीपी मोड के रास्ते खोलती है।  जो निजी क्षेत्र को खेलों एवं खिलाड़ियों को लम्बे समय तक अपनाने को सम्पर्क एवं प्रोत्साहित करेगा। राज्य में खेल विकास हेतु Corporate Social Responsibility (CSR) की राशि का उपयोग किया जायेगा। खेल संघों/खिलाड़ियों और औद्योगिक संस्थानों के समन्वय से पूँजी निवेश व तकनीकी उन्नयन को प्रोत्साहन मिलेगा एवं मानव संसाधन का विकास होगा।

खेल संरचना

खेल के व्यापक विस्तार एवं विकास हेतु सम्पूर्ण राज्य में राज्य सरकार के अतिरिक्त पंचायती राज्य संस्थाओं, स्थानीय निकायों, शैक्षणिक संस्थाओं, खेल संगठनों, निजी क्षेत्रों, क्लब एवं औद्योगिक उपक्रमों के सहयोग से खेल संरचना का निर्माण, उपयोग एवं सम्यक् देख-रेख किया जाएगा। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध खेल मैदानों एवं स्टेडियमों का रख-रखाव मात्र खेल के उद्देश्य से किया जाएगा एवं विद्यालयों, शहरों, कॉलोनियों में खाली जमीन को उपयोग में लाया जायेगा। न्यूनतम विनिवेश से अधिकतम लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से सरकारी विभागों एवं अन्य एजेन्सी (अभिकरण) द्वारा न्यूनतम दर पर कार्यशील एवं पर्यावरण सहयोगी डिजाइनों का निर्माण किया जायेगा। 

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में निजी क्षेत्रों को भी खेल परिसर के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। इन परिसरों के लोग ‘पे एंड प्ले’ (Pay & Play) के माध्यम से भुगतान कर उपयोग कर सकेंगे। राज्य में खेल के समग्र विकास के लिए 15वे वित्त आयोग की 10 प्रतिशत राशि का उपयोग पंचायत स्तर पर किया जायेगा। खेल संरचना में अपर्याप्त बजटीय प्रावधान के मामले में Jharkhand Sports Development Fund का निर्माण होगा। इस फंड में विभिन्न कंपनियों, एजेंसियों, एवं निजी क्षेत्रों से प्राप्त मदद की राशि रखी जायेगी। इस फंड में राज्य के सरकारी ख़ज़ाने की कोई राशि उपयोग में नहीं लायी जायेगी। प्रत्येक ज़िला में District Sports Development Fund भी बनाया जायेगा।

खेल सामग्री 

राज्य में गुणवत्ता वाली खेल सामग्री के लिए निर्माण हेतु आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। खेल सामग्रियों के खरीदी के मामले में स्थानीय निर्माताओं के हितों का ध्यान रखा जायेगा। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सामग्री खिलाड़ियों को उपलब्ध हो, ऐसा प्रयास किया जायेगा। राज्य में खेल सामग्रियों के निर्माण को बढ़ावा दिया जायेगा। झारखण्ड की औद्योगिक नीति के अंतर्गत दी जाने वाली रियायतें खेल सामग्री विनिर्माण से सम्बंधित उद्यमियों और एजेंसियों पर लागू होगा। खेल विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए स्थानीय उद्योगों के साथ-साथ इच्छुक अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों तथा खेल संघों को प्राथमिकता दी जाएगी।

जन सम्पर्क माध्यम

खेलों को लोकप्रिय एवं सर्वव्यापी बनाने में जन सम्पर्क माध्यमों की केन्द्रीय भूमिका है। इलेक्ट्रोनिक एवं डिजिटल माध्यम, राष्ट्रीय प्रसारकों सहित, निजी पैनल तथा प्रिंट मिडिया को राज्य में खेल संस्कृति के सुदृढ़ीकरण हेतु उपयुक्त रूप से उत्प्रेरित किया जायेगा। खेल आयोजनों के टेलीविजन प्रसारण अधिकार की बिक्री से यदि राजस्व की उगाही होती हो तो उनका बँटवारा संबंधित खेल संघों तथा प्रसारण अभिकरणों, चाहे वो सरकारी हों अथवा निजी, के बीच समुचित एवं व्यवस्थित रूप से एवं पारस्परिक सहमति से होगा।

पारदर्शिता

राज्य में सभी स्तरों पर खेल के आयोजन एवं टैलेंट हंट आयोजित किये जाएगें। इस प्रक्रिया में सभी प्रकार के आयोजनों एवं कार्यक्रमों की सूचना से प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जन सामान्य को अवगत कराने का प्रावधान किया जाएगा, ताकि जन सामान्य को खेल से जुड़े कार्यक्रम एवं गतिविधियों की पूर्ण जानकारी ससमय मिल सके।

झारखण्ड खेल नीति – 2021 नीति पर पुनर्विचार

झारखण्ड खेल नीति-2021 की समय-समय पर समीक्षा की जायेगी, जिससे आवश्यकतानुसार खेल के क्षेत्र में होने वाले प्रौद्योगिकी अथवा अन्य विकासों के अनुरूप इसे परिवर्तित या रूपांतरित किया जा सकेगा। झारखण्ड खेल नीति-2021 में ढाँचागत परिवर्तन को छोड़ किसी भी परिवर्तन के लिए विभाग के माननीय मंत्री अधिकृत होंगे।

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