• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

Test Blog

My Blog

  • News
    • World
    • Contact Us/Press Release
  • SC-ST-OBC
  • Women
  • Viral Reports
  • Legends

najhma

व्यवस्था सुदृढीकरण में झारखण्ड के सभी डीसी के साथ सीएम की अहम बैठक 

September 20, 2022 by najhma Leave a Comment

व्यवस्था सुदृढीकरण में सीएम हेमन्त सोरेन का उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश – सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचाना सुनिश्चित करें. सरकार और ग्रामीणों के बीच संवाद का मॉडल बनाएं.

रांची : झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के शासनकाल में नियमित रूप से समीक्षा बैठक आयोजित हो रही है. इस कड़ी में सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव की उपस्थिति में राज्य के व्यवस्था सुदृढीकरण में सीएम की सभी उपायुक्तों के साथ 19 सितंबर 2022 को समीक्षा बैठक हुई. सीएम ने बैठक में सभी उपायुक्तों से स्पष्ट कहा कि राज्य के विकास को गति देने के साथ सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें. 

योजनाओं को धरातल पर उतारने में उपायुक्तों का अहम रोल

सीएम ने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतारने में उपायुक्तों का अहम रोल होता है. राज्य भर में विकास को गति देने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई है. सभी लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिले, इसमें सभी उपायुक्तों को पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा. इसी के साथ कई अन्य जरूरी निर्देश भी दिए गए. 

सुखाड़ से किसानों व मजदूरों को राहत देने हेतु गंभीरता से कार्य करें

वर्तमान परिस्थितियां राज्य मे सुखाड़ की ओर इशारा कर रही है. ऐसे में राज्य के ग्रामीण किसानों व मजदूरों का पलायन करने की संभावना बढ़ सकती है. इस निमित सरकार कई नई योजनाएं शुरू कर रही हैं. इन योजनाओं का ग्रामीणों को लाभ मिले, इसकी रूपरेखा तैयार करें. राज्य के मजदूरों उन्हीं के इलाकों में रोजगार देने की योजनाओं को गति दें. इसके अलावा सुखाड़ के मद्देनजर सरकार के निर्देशों का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें. 

संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व सचिव उपायुक्तों के साथ करेंगे नियमित बैठक 

सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य के संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व सचिव जिलों के उपायुक्तों के साथ नियमित बैठक करेंगे. बैठक का माध्यम ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही हो सकते हैं. विभागीय सचिव नियमित रूप से योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की जानकारी लेंगे ताकि योजनाओं की जमीनी हकीकत का समीक्षा करेंगे. 

व्यवस्था सुदृढीकरण समीक्षा – कुछ क्षेत्रों में उपलब्धि तो कुछ में गति देने की जरूरत 

जिलावर समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि हमने कुछ क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल की है तो कई जिले पीछे भी हैं. धीमी गति वाले जिलों में विकास कार्य में तेजी लाने के लिए सभी जरूरी ठोस कदम उठाए जाने चाहिये. साथ ही विषम परिस्थितियों भी आपका निर्णय राज्यवासियों को लाभ पहुंचाने वाला होना चाहिए. 

झारखण्ड के भौगोलिक परिवेश में उपायुक्तों के सामने योजनाओं को गति देने में कई चुनौतियां आती है. समय और परिस्थितियों के अनुकूल तत्काल निर्णय लेने होते हैं. ऐसे में सभी उपायुक्त सरकार और ग्रामीणों के बीच संवाद का मॉडल बनाएं. सरकार की योजनाओं को लेकर जिलों में वर्कशॉप का आयोजन करें. विभागीय सचिव क्षेत्र का भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन की गति का नियमित निरीक्षण करें. 

Filed Under: Viral Report Tagged With: #sukhad, hemant government, jharkhand dc, jharkhand government, Jharkhand News, samiksha baithak

झारखण्ड : एक भी मूलवासी स्थानीयता के अधिकार से नहीं होंगे वंचित

September 19, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : स्थानीयता के अधिकार को परिभाषित करने हेतु विधेयक को स्वीकृति मिली. एक भी आदिवासी-मूलवासी व विस्थापित स्थानीयता के अधिकार से न हो वंचित – सीएम का विशेष जोर.

रांची : दिनांक: 14 सितम्बर, 2022 को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के के अध्यक्षता में आदिवासी-मूलवासी व विस्थापितों के हक-अधिकार के हित में ऐतिहासिक फैसला लिया गया. झारखण्ड सरकार मंत्रिमंडल द्वारा राज्य के निवासियों के लिए स्थानीयता के अधिकार परिभाषित करने वाली प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिली.

स्थानीयता के अधिकार को परिभाषित करने वाली स्वीकृति प्रस्ताव में मुख्य आधार

  • खण्ड 1 – झारखण्ड राज्य की भौगोलिक सीमा में निवास करता हो एवं स्वयं अथवा उसके पूर्वज का नाम 1932 अथवा उसके पूर्व सर्वे खतियान में दर्ज हो.
  • खण्ड 2 – भूमिहीन के मामले में उसकी पहचान संबंधित ग्राम सभा द्वारा की जाएगी, जो झारखण्ड में प्रचलित भाषा, रहन-सहन वेश-भूषा संस्कृति एवं परम्परा इत्यादि पर आधारित होगी.

झारखण्ड में निवास करता हो एवं पूर्वज का नाम 1932 या पूर्व सर्वे खतियान में दर्ज हो

खण्ड-1 में वर्णित स्थानीयता का आधार के अनुसार स्थानीयता का अधिकारी होने के लिए पहली जरूरी शर्त है कि वह झारखण्ड राज्य की सीमा में निवास करता हो. और उसका व उसके पूर्वज का नाम 1932 अथवा उसके पूर्व सर्वे खतियान में दर्ज हो. मसलन, जिसके पास उपरोक्त खातियान है वह स्पष्ट रूप से वह झारखण्ड का स्थानीय निवासी होगा.

भूमिहीन के मामले में ग्राम सभा द्वारा होगी स्थानीयों की पहचान

ज्ञात हो, पूर्व की सत्ताओं के खनन लूट नीतियों के अक्स में झारखण्ड प्रदेश विस्थापितों का प्रदेश भी बन कर रहा गया है. ऐसे में खण्ड 2 के माध्यम से सरकार द्वारा राज्य के विस्थापित अथवा भूमिहीन जनता के अधिकार संरक्षण को गंभीरता से लिया गया है. खण्ड 2 के अनुसार भूमिहीन के मामले में स्थानीय की पहचान संबंधित ग्राम सभा द्वारा की जाएगी. जिसका आधार झारखण्ड में प्रचलित भाषा, रहन-सहन, वेश-भूषा, संस्कृति एवं परम्परा इत्यादि पर आधारित होगी.


मसलन, पहला खण्ड जहां राज्य के खातियान धारियों को सम्मान करता है तो वहीं दूसरा खण्ड राज्य में जमीन लूट के अक्स में स्थानीयों को राज्य से बेदखल करनी वाली मनुवादी मंशा पर जबरदस्त चोट करता है. और राज्य के विस्थापित मूलवासी को स्थानीय होने के अधिकार से सम्मानित करता है. हालांकि, दोनों खण्ड में निहित प्रावधानों को और स्पष्ट व सरलीकरण करने पर चिंतन-मंथन हो रहा है.

Filed Under: Jharkhand News Tagged With: 1932 khatiyan, hemant government, hemant soren, OBC, scheduled cast, scheduled tribe, sthaniyaniti, sthaniyta

sports policy – झारखण्ड को 22 वर्ष में मिला अपना खेल नीति -2022 

September 16, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : sports policy (खेल नीति -2022) का लोकार्पण 13 खिलाड़ियों को सम्मानित कर हुआ. हर वर्ग के लिए न्यूनतम सहायता राशि 50000 रुपए. खेल क्षेत्र में हेमन्त सरकार का सराहनीय प्रयास

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड को आखिरकार 22 वर्षों के बाद अपना sports policy (खेल नीति -2022) मिला है. ज्ञात हो, राज्य में हेमन्त सरकार के गठन के साथ ही राज्य में खेल गतिविधियों के ग्राफ में उठान देखा गया. यह खेल नीति मुख्यतः राज्य के खिलाड़ी, कोच तथा प्रशिक्षकों के साथ साथ राज्यवासियों को भी समर्पित है. इस खेल नीति के माध्यम से हेमन्त सरकार ने खेल क्षेत्र में बड़ी लकीर खींची है. 

सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखण्ड के युवाओं में खेल के प्रति रुचि, जागरूकता और झुकाव को देखते हुए उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया है. मुझे पूरा विश्वास है कि यह नई sports policy राज्य के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में मदद करेगी. और राज्य सरकार का यह कदम झारखण्ड को खेल के क्षेत्र में आगे लेकर जाएगा. 

https://twitter.com/HemantSorenJMM/status/1569631747058597888?s=20&t=Wy-NT3N-Mp27Kw0oNxArew

पहले सीमित संसाधनों में राज्य के खिलाड़ी करते थे तैयारी

ज्ञात हो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कार्यकाल में दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों ने झारखण्ड में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. यहां के ट्रेंड प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण भी लिया है. झारखण्ड के बच्चों ने कई खेलों में राज्य ही नहीं, देश का भी प्रतिनिधित्व किया है. पदक जीतकर राज्य एवं देश का नाम विश्व में रोशन किया है.

लेकिन, राज्य के बच्चे अब तक सीमित संसाधनों में ही अपनी खेल प्रतिभा तराशते रहे हैं. और तमाम उपलब्धियां हासिल की है. जो राज्य के लिए गौरव की बात है. यहां के खिलाड़ियों के इस जज्बा को और आगे ले जाने के लिए हेमन्त सरकार द्वारा राज्य में sports policy (नई खेल नीति -2022) लाई गई है. जो राज्य के खिलाड़ियों को वह तमाम सुविधाएं प्रदान करेगी जिसे झारखण्ड बिन रुके-झुके खेल क्षेत्र में सफलता की सीढ़ियां चढ़ेगा. 

खेल नीति -2022 में हर वर्ग खिलाड़ियों के लिए न्यूनतम 50000 रुपए की सहायता राशि का प्रावधान

राज्य के खिलाड़ियों के भविष्य सुरक्षित करने के मद्देनजर न्यूनतम 50000 रुपए की सहायता राशि का ऐलान हुआ है. इस नीति के दायरे में पूरे झारखण्ड प्रदेश को समेटने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है. राज्य में बन रहे स्टेडियमों को गति दिया जा रहा है. स्कूलों में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है.  

मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि इससे संबंधित कार्य योजना बनायी जा रही है. जरूरत के हिसाब से sports policy में समय-समय पर बदलाव की जाएगी. इस संबंध में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग को निर्देश भी दिया है. खिलाड़ियों की सहायता राशि में राज्य की क्षमता के अनुसार बदलाव भी किए जाएंगे. एक उम्र सीमा के बाद खिलाड़ियों का भविष्य कैसे सुरक्षित हो इस पर भी सरकार सोच रही है.  

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का sports policy के माध्यम से खिलाड़ियों को भविष्य देने का प्रयास

राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा खेल नीति -2022 के माध्यम से राज्य में 20 वर्षों से अंधकार में जी रहे खिलाड़ियों नई रोशनी देने का प्रयास हुआ है. ज्ञात हो, सरकार के प्रयासों ने राज्य में विकास की थमी गति को बढ़ाने हेतु आंतरिक संसाधनों पर बल दिया है. इस प्रयास को भी उसे कड़ी का हिस्सा माना जा सकता है. मुख्यमंत्री हमेशा कहते हैं कि वह हर राज्य वासियों को सरकार का अंग बनाकर उनकी मदद से विकास की लकीर खींचने में विश्वास रखते हैं.

Filed Under: Emerging Jharkhand Tagged With: hemant government, players of jharkhand, sport policy of jharkhand, खेल नीति -2022, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, हेमन्त सरकार का सराहनीय प्रयास

झारखण्ड : 14 September 2022 राज्य के लिए ऐतिहासिक दिन

September 15, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : राज्य के लिए 14 September 2022 का दिन ऐतिहासिक. इस दिन सीएम हेमन्त द्वारा मंत्रिपरिषद की बैठक में नियोजननीति, आरक्षण, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका, शिक्षा व कृषि संबंधी लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय राज्य को दुर्गति से बाहर निकालेगी. 

रांची : झारखण्ड प्रदेश के लिए 14 September 2022 का दिन ऐतिहासिक रहा. हेमन्त शासन की मंत्रिपरिषद बैठक मे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. जो राज्य की मूल जनता के लिए ऐतिहासिक साबित होंगे. इस लेख में नियोजननीति, आरक्षण, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका, शिक्षा व कृषि संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय शामिल है. 

नियोजन नीति आरक्षण से संबंधित विधेयक, 2022 की गठन को स्वीकृति

झारखण्ड की मूल जनता नियोजन नीति, आरक्षण अनुबंध के नाम पर 22 वर्षों से पूर्व की सत्ताओं द्वारा छली जाति रही है. लेकिन मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार में राज्य की तमाम समस्याओं के स्थायी हल सिरे से निकाले जा रहे हैं. और राज्य नए सिरे से गढ़ आगे ले जाया जा रहा है.

ज्ञात हो, विधान सभा चुनाव के पूर्व बतौर कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सोरेन राज्य की जनता से वादा किया था कि  राज्य की जनता उनके मंशा अनुकूल नियोजन नीति दिया जाएगा. और सरकारी नौकरी में झारखण्ड मूल के पिछड़ों को 27%, आदिवासियों को 28 %, दलित को 12% आरक्षण दिया जाएगा. लोहार-लोहरा, बड़ाईक-बडाइक नाम में त्रुटिवश जो जाति विशेष सुविधाओं से वंचित हैं, संशोधन कर उन्हें लाभ दिलाया जाएगा. 

इस कड़ी में 14 September 2022 को सकारात्मक निर्णय के आसरे मजबूत कदम बढ़ाया गया

  • झारखंड के स्थानीय निवासी” की परिभाषा एवं पहचान हेतु झारखंड के स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक, 2022 के गठन की स्वीकृति दी गई.  
  • झारखण्ड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम, 2001 (यथा संशोधित) में संशोधन हेतु विधेयक, 2022 की स्वीकृति दी गई. 

आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका चयन एवं मानदेय समेत अन्य शर्त नियमावली-2022 को मिली स्वीकृति

झारखण्ड राज्य में पूर्व की बीजेपी सत्ता में मूलवासियों को अनुबंध के नाम बर्गलाया गया और वोट की खेती की गई. जब राज्य में आंगनबाड़ी सहायिका-सेविका समूह की माताओं, बेटियों, बहुओं द्वारा उस सत्ता से अपने अधिकार की मांग की तो बदले में उन्हें पीट पर लाठियाँ मिली. जो झारखण्ड प्रदेश की जनता के लिए सबसे शर्मनाक पल रहा. उस व्यक्त अन्य झारखण्डवासियों की भांति इनकी दूरदशा से विचलित हेमन्त सोरेन ने कहा था हमारी सरकार बनने पर इन्हें ससम्मान इनका हक दिया जाएगा. 

14 September 2022 आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका समूह के लिए भी ऐतिहासिक रहा 

  • झारखण्ड आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका चयन एवं मानदेय समेत अन्य शर्त नियमावली-2022 की स्वीकृति दी गई है. 
  • राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं लघु आंगनबाड़ी केन्द्रों में ताजा गरम पोषाहार पकाकर लाभुकों को उपलब्ध कराने हेतु राज्य योजनान्तर्गत गैस सिलिण्डर एवं कूकिंग स्टोव की आपूर्त्ति की योजना में LPG संयोजन तथा LPG सिलिण्डर की दर में संशोधन की स्वीकृति दी गई. 
  • आँगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण योजना अधीन राज्य के आँगनबाड़ी केन्द्रों एवं लघु आँगनबाड़ी केन्द्रों में लाभुकों को ताजा गरम पोषाहार उपलब्ध कराने हेतु बर्तनों एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वाटर प्यूरीफायर के क्रय एवं आपूर्ति तथा सुदृढ़ संरचना उपलब्ध कराने हेतु केन्द्रों के अनुरक्षण, सुसज्जीकरण एवं रख-रखाव संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. 
  • आँगनबाड़ी केन्द्रों में उपस्थित होने वाले 03-06 वर्ष के बच्चों को गर्म पोशाक उपलब्ध कराने हेतु आपूर्ति योजना के कार्यान्वयन की स्वीकृति दी गई. 

शिक्षा के क्षेत्र में हेमन्त सरकार के लगातार बढ़ते कदम 

झारखण्ड राज्य एक आदिवासी, दलित, ओबीसी बाहुल्य गरीब राज्य है. मनुवाद विचारधारा से ग्रसित पूर्व की सत्ता में शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया. मर्जर के नाम पर गरीबों को शिक्षा देने वाले स्कूलों को बंद किया गया. लेकिन मौजूदा हेमन्त सत्ता में शिक्षा-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण पर विशेष जो दिया गया है.   

हेमन्त सरकार में 14 September 2022 को शिक्षा के क्षेत्र में कई कदम बढ़ाए गए 

  • सी.सी.एल. द्वारा सी.एस.आर. मद से उपलब्ध करायी जाने वाली राशि से राँची विश्वविद्यालय परिसर, मोराबादी, राँची में 5000 की क्षमता का पुस्तकालय निर्माण हेतु 62,43,39,300/- रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई.
  • राज्य में New Education Policy, 2020 के कार्यान्वयन हेतु उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग अन्तर्गत वित्तीय नियमावली के नियम 235 को क्षांत करते हुए नियम 245 के तहत NICSI के Empanelled Agency “Pricewaterhousecoopers Private Limited” का मनोनयन के आधार पर चयन कर Project Management Unit के गठन की स्वीकृति दी गई. 
  • प्रस्तावित अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, रॉची की स्थापना हेतु 120-150 एकड़ भूमि 99 वर्ष के दीर्घकालिक लीज पर उपलब्ध कराने हेतु Azim Premji Foundation एवं राज्य सरकार के मध्य MoU की स्वीकृति दी गई. 
  • राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) के अंतर्गत Projet App Val Board (PAB) की 12वीं एवं 13वीं बैठक में स्वीकृत किये गये 10 नए मॉडल डिग्री कॉलेज के स्थापना हेतु पूर्व में राज्य स्कीम मद से स्वीकृत 10 नए महाविद्यालयों के लिए Funding Pattern में परिवर्तन करने की स्वीकृति दी गई. 

विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों को मिली स्वीकृति  

  • विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के अन्तर्गत नवस्थापित डिग्री महाविद्यालयों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के पदों के सृजन तथा महाविद्यालयों में संकायों की स्वीकृति दी गई. 
  • कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के अन्तर्गत नवस्थापित डिग्री महाविद्यालय में प्राचार्य, सह-प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पदों के सृजन तथा महाविद्यालयों में संकाय की स्वीकृति दी गई. 
  • विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध रिक्त पदों पर घंटी आधारित संविदा पर नियुक्त शिक्षकों के पैनल का अवधि विस्तार दिनांक 31.03.2023 तक करने की स्वीकृति दी गई. 

हेमन्त सरकार में ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूतीकरण हेतु कृषि क्षेत्र को बनाए जा रहा सुदृढ़  

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की नेतृत्व वाली मौजूदा झारखण्ड सरकार में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण पर विशेष जोर दिया गया है. इसी के कारण करोना महामारी के बीच भी राज्य अधिक नहीं डगमगाया और जनता में भुखमरी की स्थिति नहीं बनी. ज्ञात हो, पूर्व की सत्ता में आम दिनों में भूख से कई जनता की मौतें हुई. 

14 सितंबर को कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय 

  • झारखण्ड राज्य में कम वर्षा पात एवं कम फसल आच्छादन को दृष्टिपथ में रखते हुए राज्य में आकस्मिक एवं रबी फसलों के विस्तार हेतु कृषकों को आकस्मिक एवं रबी 2022-23 के फसलों हेतु 90% अनुदान पर बीज उपलब्ध कराये जाने की स्वीकृति दी गई. 
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का मॉडल अधिनियम प्रारूप के अनुसार कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम प्रारूप, 2017 को कतिपय संशोधन के साथ अंगीकृत करते हुए संशोधित झारखण्ड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2022 की स्वीकृति दी गई.

Filed Under: Jharkhand News Tagged With: #anganvadi, 1932 khatiyan, agriculture, education, Health Sahia, hemant soren, jharkhand farmer, jharkhand government, Jharkhand News

झारखण्ड : सुखाड़ से निपटने के लिए सीएम के नेतृव में हुई आपदा प्रबंधन की बैठक

September 13, 2022 by najhma Leave a Comment

झारखण्ड : कम बारिश कारण धान व अन्य फसलों की बुआई लक्ष्य की तुलना में कम है. हेमन्त सरकार ने सुखाड़ से निपटने के लिए समय रहते उठाया गया है कदम. 

रांची : झारखण्ड में सुखाड़ जैसे गंभीर विषय में हेमन्त सरकार द्वारा समय रहते गंभीर कदम उठाया गया है. सूखे की स्थिति का जायजा व गंभीर स्थिति में उससे निपटने हेतु आपदा प्रबंधन प्राधिकार की उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में सीएम द्वारा राज्य में वर्षापात और फसलों की बुआई की पूरी जानकारी ली गई. विभिन्न विभागों द्वारा इससे निपटने हेतु बनाई जा रही कार्य योजनाओं की जानकारी ली. 

झारखण्ड में सूखे की वर्तमान स्थिति 

मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा बताया गया कि 7 जिलों में सामान्य, 15 जिलों में सामान्य से कम और 2 जिलों  में बहुत ही कम बारिश हुई है. कम बारिश कारण धान व अन्य फसलों की बुआई लक्ष्य की तुलना में कम है. 

मुख्यमंत्री द्वारा किसानों, पशु पालकों, श्रमिकों-मजदूरों और ग्रामीणों को राहत देने हेतु तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए गए. गंभीर स्थिति में पलायन को रोकने हेतु हर गांव में पांच-पांच नई योजनाएं शुरू करने का निर्देश दिया गया है. खाद्यान्न, पेयजल और पशु चारा की कमी जैसे, सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए योजना को तैयार करने व बेहतर क्रियान्वयन के लिए मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए गए हैं. 

 सुखाड़ से निपटने के लिए उठाए गए प्रमुख कदम  

  • राज्य भर में एक लाख नए कुआं और एक लाख तालाब बनाए जाएंगे. साथ ही युद्ध स्तर पर चापाकल और चेक डैम की मरम्मत की जाएगी. 
  • मनरेगा के तहत कच्चे कार्यों पर लगी रोक हटाते हुए ग्रामीण इलाकों में कच्ची सड़कों, तालाब, खेतों में मेढ़, जलकुंड और जल स्रोतों का गहरीकरण इत्यादि का काम शुरू करने के निर्देश दिए गए. यह ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपलब्ध कराने के मंशा से किया गया है. 
  • हर महीने की 5 तारीख तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण सुनिश्चित  करने के निर्देश दिए गए. ताकि सुखाड़ में जनता को आर्थिक परेशानी न उठान पड़े. 
  • 5 लाख नए राशन कार्ड जल्द जारी करने के निर्देश. पीडीएस दुकानों से राशन का वितरण हर महीने सुनिश्चित करने व वितरण प्रणाली को आसान बनाने के निर्देश.  

सुखाड़ से निपटने हेतु संबंधित विभाग समन्वय बनाकर योजनाएं बनाएं -सीएम 

मुख्यमंत्री द्वारा सभी विभागों से कहा कि वे आपस में समन्वय बनाकर योजनाएं बनाएं जिससे योजनाएं बहुउपयोगी साबित हों. विभागों को सुखाड़ से निपटने हेतु दो हज़ार से लेकर ढाई हजार करोड़ रुपए तक की योजनाएं बनाने का निर्देश दिया गया. साथ ही सभी योजनाओं की जियो टैगिंग करने का भी निर्देश दिया गया. 

सुखाड़ से निपटे हेतु बन रहे योजनाओं में मुख्यमंत्री का विशेष निर्देश 

  • गौ पालकों के लिए योजना बनाएं. इसके अंतर्गत समूह बनाने वालों को गाय-भैंस उपलब्ध कराएं और दूध की खपत की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश.
  • ग्रामीण कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु बाजार उपलब्ध कराने व उसका उचित मूल्य दिलाने का निर्देश.
  • पेयजल संकट की स्थिति में टैंकर अथवा अन्य माध्यमों से पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश.
  • विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति वितरित करने के निर्देश. 
  • सभी सरकारी और रैयती तालाबों का गहरीकरण कार्य शुरू करने के निर्देश.
  • मनरेगा के तहत मानव सृजन दिवस की गति को तेज तेज करने के निर्देश.
  • वाटर स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाने के साथ मछली पालन को बढ़ावा देने हेतु लघु सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार कार्य शुरू करने के निर्देश.
  • पर्यटक स्थलों पर रोजगार की संभावनाओं को तलाशने हेतु जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश.

Filed Under: Jharkhand News Tagged With: #sukhad, apda prabandhan, badal patrlekh, cm hemant soren, hemant government, jharkhand farmer, jharkhand government, jharkhand labour, Jharkhand News

दिसूम गुरु शिबू सोरेन – हाई कोर्ट ने लोकपाल के सुनवाई पर लगाई रोक 

September 12, 2022 by najhma Leave a Comment

दिसूम गुरु शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल में हो रही सुनवाई मामले को हाई कोर्ट में दी गई है चुनौती. हाईकोर्ट ने लोकपाल सुनवाई पर रोक लगा दी है.

रांची : सर्वविदित है कि मानुवादी इडिऑलोजी देश में हजारों वर्षों से बहुजन समाज का शोषण करती आई है. वर्तमान में इसका ताजा स्वरूप झारखण्ड में देखा जा सकता है. जहां सामंतवादी व्यवस्था राज्य की मौजूद बहुजन सरकार के जनपक्ष में बढ़ते कदम को रोकने हेतु, संविधानिक संस्थानों के माध्यम से लगातार हमलावर है. इसके अक्स में झारखण्ड आन्दोलन के अगुवा क्रांतिकारी जननेता दिसूम गुरु शिबू सोरेन, जो उम्र के चौथे पड़ाव में हैं, उन्हें भी नहीं बख्शा गया है. 

लोकपाल के समक्ष है दिसूम गुरु शिबू सोरेन का आय से अधिक संपत्ति का मामला 

ज्ञात हो, दिसूम गुरु शिबू सोरेन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला लोकपाल के समक्ष अगस्त 2020 से दायर है. 15 सितंबर 2020 को इस मामले में लोकपाल द्वारा लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20(1)(ए) के तहत पीई दर्ज कर सीबीआई को 6 महीने में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था. 

सीबीआई के द्वारा मामले में मार्च 2021 और जुलाई 2021 को रिपोर्ट सौंपी गई थी. इसके बाद लोकपाल के द्वारा दिसूम गुरु शिबू सोरेन व उनके परिवार से अपना पक्ष रखने हेतु नोटिस भेज गया था. इसके उपरांत सोरेन परिवार के द्वारा मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. 

सोरेन परिवार के द्वारा लोकपाल सुनवाई मामले को हाई कोर्ट में दी गई चुनौती 

दिल्ली हाईकोर्ट में यह मामला जस्टिस यशवंत वर्मा की कोर्ट मे है. मामले में याचिका पर सुनवायी करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी की गई. दिसूम गुरु शिबू सोरेन के ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अरुणाभ चौधरी व प्रज्ञा सिंह बघेल ने कोर्ट में पक्ष रखा. 

ताजा सूचना के अनुसार उपरोक्त मामले में दिल्ली उच्च नयायालय के द्वारा लोकपाल की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है. अब दिल्ली उच्च नयायालय इस मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर 2020 को करेगा. जिसे झारखण्ड समेत बाहुजन समाज एक बड़ी राहत मान रही है. 

मसलन, एक बार फिर देखा जा रहा है कि झारखण्ड के सोरेन परिवार द्वारा सामांतवादी इडीओलॉजी के तमाम हथकंडों के खिलाफ न केवल डट कर मुकाबला किया जा रहा है. संवैधानिक तरीके से सामांतवादी इडीओलॉजी को मुंह तोड़ जवाब भी दिया जा रहा है.

Filed Under: Shibu Soren Tagged With: #shibu soren, delhi highcourt, jharkhand, Jharkhand News, Lok pal, rajyasabha sansad, हाईकोर्ट

  • « Go to Previous Page
  • Go to page 1
  • Go to page 2
  • Go to page 3
  • Go to page 4
  • Go to page 5
  • Interim pages omitted …
  • Go to page 57
  • Go to Next Page »

Primary Sidebar

© 2016–2025