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झारखण्ड : सीएम की प्राथमिकता में बुजुर्ग, बुद्धिजीवी व छात्र भी

September 22, 2022 by najhma Leave a Comment

सीएम की प्राथमिकता में बुजुर्ग, बुद्धिजीवी व छात्र भी

झारखण्ड : सीएम बुजुर्ग, ग्राम प्रधान व बुद्धिजीवी के अनुभव को राज्य विकास में सदुपयोग करने का किया ऐलान. साथ ही भूत महल बन चुके छात्रवासों को बना रहे हैं छात्रों के रहने लायक. कई नई सुविधाएं भी कराई जा रही है मुहैया.

रांची : झारखण्ड के विकास व मजबूती हेतु सीएम की प्राथमिकता में बुजुर्ग, बुद्धिजीवी, छात्र समेत सभी उम्र के लोग हैं. एक तरफ वह अनाथ बच्चों तक की सूद लेते हैं तो दूसरी तरफ ग्राम प्रधान, छात्र, युवा, कर्मचारी, किसान व मजदूर, लगभग सभी उम्र-वर्ग के लोगों की सस्याओं को प्राथमिकता के साथ संज्ञान लेते दिखते हैं. इस कड़ी में सीएम द्वारा राज्य के ग्राम प्रधानों को कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया गया. जो निश्चित रूप से भारतीय सामाजिक संरचना को मजबूती देती है. 

सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा ग्राम प्रधानों का सम्मान

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा ग्राम प्रधानों का कार्यक्रम आयोजित कर सम्मान किया जाना दर्शाता है कि सीएम समाज निर्माण में बुजुर्गों व बुद्धिजीवों की महत्ता व भूमिका को समझते है. ज्ञात हो, पूर्व की सत्ता में बुजुर्गों व बुद्धिजीवी की महत्ता को लगभग समाप्त कर गई थी. उन्हें अपने मुख सील लेने पर विवश किया गया था. 

सीएम हेमन्त का मानना है कि राज्यवासियों के कल्याण में उतारी गई सरकार की योजनाएं व नीतियों की जानकारी अक्सर ग्रामीणों को नहीं हो पाती. ऐसे में ग्राम प्रधान समेत अन्य बुद्धिजीवी वर्ग यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. क्योंकि भारत में बुजुर्ग वर्ग अपने अनुभव से समाज को बेहतर दिशा देते आए हैं. यह परंपरा सदियों से चली या रही है.   

ग्राम प्रधानों का सम्मेलन आयोजित कर सरकार की नीतियों व योजनाओं की जानकारी देने का निर्देश 

झारखण्ड में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा राज्य के बुद्धिजीवियों के अनुभव का समाज व राज्य निर्माण में सदुपयोग करने की दिशा में बड़ा काम उठाया गया है. उनके द्वारा राज्य के संबंधित अधिकारियों व पदाधिकारियों को ग्राम प्रधानों का सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. सम्मेलन में ग्राम प्रधानों को सरकार की योजनाएं व नीतियों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी.

जिससे बुद्धिजीवी वर्ग गांव-गांव में जाकर डुगडुगी अथवा अन्य पारंपरिक माध्यमों से ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं व नीतियों से अवगत कराएंगे और लाभ दिलाना सुनिश्चित करेंगे. ज्ञात हो, साहिबगंज जिले के पतना प्रखंड स्थित धरमपुर मैदान में ग्राम प्रधान सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं इस तथ्य को उजागर किया गया. 

झारखण्ड को शिक्षित करने हेतु दिया जा रहा है खंडहर हो चुके छात्रावासों को पुनर्जीवन

झारखण्ड के मुख्यमंत्री के शब्द – ‘अब खंडहर में नहीं, सुसज्जित छात्रावासों में रहेंगे वंचित वर्ग के छात्र’. स्वयं ही झारखण्ड में शिक्षा व्यवस्था में हो रहे सुधारों के प्रयासों की ऐतिहासिक तस्वीर पेश करती है. ज्ञात हो, मानुवादी सत्ताओं के मंशा के तहत राज्य गठन के बाद से अपने जीर्णोद्धार का बाट जोह रहे अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अलपसंख्यक छात्रावासों को हेमन्त शासन में फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है.

टूटे-फूटे फर्श, बरसात में टपकती छत, छित-विछित खिड़की-दरवाजे, सीलन भरी दीवार, कुल मिला कर जो छात्रावास छात्रों का नहीं बल्कि भूत का रहने वाला महल हो चुका था. ऐसे में कैसे इन वर्गों के छात्र यहाँ रह कर पढ़ाई कर सकते थे. मसलन, हेमन्त सरकार में एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों के छात्रों की शिक्षा-दीक्षा को सुलभ बनाने हेतु इन छात्रावासों में शौचालय, लाइब्रेरी, पानी और बिजली की व्यवस्था किए जाने से मंजर बदल गया है. जिससे इन वर्गों में शिक्षा को लेकर लगाव बढ़ रहा है. 

झारखण्ड में छात्रावासों की वर्तमान स्थिति 

हेमन्त सरकार में अबतक 593 छात्रावासों में से 234 छात्रावासों को नया स्वरूप दिया जा चुका है. इनमें अनुसूचित जनजाति के 42, अनुसूचित जाति के 96, पिछड़ा वर्ग के 47 और अल्पसंखयक की 92 छात्रावास शामिल हैं. 221 छात्रावासों का जीर्णोद्धार कार्य दो वर्ष में पूर्ण करना है. वित्तिय वर्ष 2022 -23 में 139 एवं 2023-24 में शेष 82 छात्रावासों का जीर्णोद्धार कार्य प्रस्तावित है.  

छात्रावासों में अब होगी अनाज, रसोईया और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था

मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री चंपाई सोरेन के निर्देश के बाद कल्याण विभाग के छात्रावासों के जीर्णोद्धार के साथ छात्रावासों में सुरक्षा प्रहरी एवं रसोईया की भी बहाली प्रक्रिया चल रही है. मुख्यमंत्री द्वारा रिक्त पड़े मानवबल को यथाशीघ्र भरने का आदेश दिया गया है. वर्तमान में कुल 90 सुरक्षा प्रहरी एवं रसोईया कार्यरत हैं. 

पूर्व की सरकारों की व्यवस्था के तहत इन सरकारी छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को अपने घर से अनाज लाना पड़ता था. जो इन गरीब वर्गों के छात्र के लिए बड़ी समस्या थी. इनकी शिक्षा पर स्पष्ट प्रभाव डालती थी. लेकिन अब हेमन्त सरकार में इन छात्रावासों में छात्रों के लिए अनाज मुहैया कराने का निर्णय लेने के तरफ सरकार बढ़ चली है. जो निश्चित रूप से इन वर्गों के गरीब छात्रों के लिए कल्याणकारी कदम है. और संविधान के मौलिक मर्म को भी छूता है.

Filed Under: Jharkhand News Tagged With: grampradhan, hemant government, hemant soren, hostel, jharkhand government, OBC, scheduled cast, scheduled tribe

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